नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की आज अग्निपरीक्षा है। कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर आज वोटिंग की जाएगी। विधानसभा के अंदर संख्या बल के हिसाब से खट्टर सरकार मजबूत स्थिति में है लेकिन सभी दलों को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है। यही वजह है कि बीजेपी और जेजेपी समेत कांग्रेस ने अपने-अपने विधायकों को व्हिप जारी करके हर हाल में अपने साथ रखने की कोशिश की है।
जेजेपी के विधायक अपने नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर गठबंधन को तोड़ने का दबाव डाल रहे हैं। बता दें कि किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है जिसपर बुधवार को ही बहस होनी है और यदि जरूरत पड़ी तो उस पर मतदान भी होना है।
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हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव से पहले जेजेपी के विधायकों ने गठबंधन सरकार के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है। टोहाना से जेजेपी के विधायक देवेंद्र बबली ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के पक्ष में वोट करना मेरी मजबूरी है, लेकिन इस समय ऐसे हालात बन गए हैं कि हमें मनोहर लाल खट्टर सरकार से गठबंधन तोड़ देना चाहिए। बबली ने कहा कि हालात ऐसे हैं कि हम कहीं जा नहीं सकते, क्योंकि लोग हमें डंडों से मारेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर मेरे वोट से सरकार गिरती है तो मैं उसके खिलाफ वोट दे दूंगा।
देवेंद्र बबली के ठीक उलट जननायक जनता पार्टी के एक और विधायक रामकुमार गौतम का कहना है कि वह खट्टर सरकार के साथ हैं और किसानों के साथ भी हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वह सरकार के पक्ष में ही वोट देंगे। गौतम ने कहा कि हरियाणा सरकार के गिरने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि ये केंद्र के कानून हैं। बता दें कि कांग्रेस हरियाणा विधानसभा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। इसके मद्देनजर पक्ष एवं विपक्ष दोनों ने अपने-अपने सदस्यों को सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है।
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