नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश रावत अपने दायित्व से मुक्त होना चाहते हैं। उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पद से हटने की इच्छा जताई है। उन्होंने इसकी वजह भी बताई है। हरीश रावत का कहना है कि वे अपना पूरा ध्यान उत्तराखंड के चुनाव पर फोकस करना चाहते है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस हाई कमान को करना है।
हरीश रावत ने पद से मुक्त होने की इच्छा जताते हुए कहा है कि अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होना है, और ऐसे में वह राज्य में अपनी सक्रियता बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपनी इच्छा से उन्हें अवगत कराएंगे। आपको बता दें कि हरीश रावत इससे पहले असम कांग्रेस के भी प्रभारी रह चुके हैं। हाल में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद को सुलझाने में हरीश रावत की भूमिका अहम रही है। लेकिन एक बार फिर विवाद बढ़ गया है।
दरअसल, हरीश रावत फिलहाल उत्तराखंड में पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं और वहां अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। यह माना जा रहा है कि पार्टी उत्तराखंड में हरीश रावत को सीएम पद का चेहरा घोषित कर सकती है। हरीश रावत पहले भी उत्तराखंड सीएम की कुर्सी संभाल चुके हैं और उनके पास काफी अनुभव है, ऐसे में पार्टी उन्हें पंजाब के प्रभारी पद से भी मुक्त कर सकती है।