नयी दिल्ली: कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि भारतीय नारीत्व की गरिमा को नयी ऊंचाइयां प्रदान करने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा देश के शोषितों एवं पीड़ितों के भीतर विश्वास पैदा करने के लिए बीएसपी प्रमुख मायावती को ‘भारत रत्न’ सम्मान से नवाजा जाना चाहिए। रावत ने यह भी कहा कि दोनों महिला नेताओं ने अति असामान्य परिस्थितियों में अपने व्यवहार को बनाए रखा तथा दोनों के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान की मांग वह एक नेता के तौर पर नहीं, बल्कि एक भारतीय नागरिक की हैसियत से कर रहे हैं।
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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में अपने एक ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘सोनिया जी भले ही एक बड़े परिवार में बहू बनकर भारत आईं, लेकिन उन्होंने जिस तरह से भारतीय संस्कृति को अपनाया और अति असामान्य परिस्थितियों में भी अपना व्यवहार बनाए रखा, वो अपने आप में मिसाल है। उन्होंने भारतीय नारीत्व को नयी ऊंचाई प्रदान की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मायावती जी एक ऐसे समाज में पैदा हुईं, जो शोषित था। वह अपने संघर्ष से मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने शोषितों-पीड़ितों के मन में विश्वास पैदा किया। वह दलितों के लिए प्रेरणा हैं।’’ रावत ने कहा, ‘‘भारत सरकार को चाहिए कि इन दोनों व्यक्तित्वों को इस वर्ष का भारत रत्न देकर अलंकृत करे।’’
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रावत ने यह भी कहा कि दोनों महिला नेताओं ने अति असामान्य परिस्थितियों में अपने व्यवहार को बनाए रखा तथा दोनों के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान की मांग वह एक नेता के तौर पर नहीं, बल्कि एक भारतीय नागरिक की हैसियत से कर रहे हैं।
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बता दें कि भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया।