भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। सुवासरा से कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों से मिला जानकारी के मुताबिक हरदीप सिंह डंग पिछले 3 दिनों से लापता हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को भेजा इस्तीफा है। इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाए थे कि डंग भाजपा के नेताओं के संपर्क में हैं।
सोशल मीडिया में वायरल डंग के इस्तीफे की प्रति में उन्होंने लिखा है, ‘‘सुवासरा के लोगों ने बड़ी उम्मीदों और आशाओं के साथ लगातार दूसरी बार विधायक बनाकर मुझे विधानसभा में भेजा था। लेकिन 14 माह बीत चुके हैं। विधानसभा क्षेत्र और संसदीय क्षेत्र में लगातार मेरी उपेक्षा की जा रही है। कोई भी मंत्री कार्य करने को तैयार नहीं है। दलाल और भ्रष्टाचारी सरकार में बैठे हैं। लोगों के छोटे-छोटे कामों के लिए मुझे भोपाल के अनेकों चक्कर लगाने पड़ते हैं और कार्य नहीं होते हैं।’’
उन्होने आगे लिखा, ‘‘मंदसौर संसदीय क्षेत्र से मैं कांग्रेस का एकमात्र विधायक हूं, लेकिन न तो मुझे मंत्री पद दिया गया और न ही मेरे क्षेत्र में कोई विकास कार्य हुआ।’’ एक पेज के पत्र में अंत में डंग ने लिखा, ‘‘मेरा त्यागपत्र स्वीकार करें, किसानों एवं क्षेत्र के विकास हेतु मेरा संघर्ष सदैव जारी रहेगा।’’
हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बारे में जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बारे में जानकारी मिली है। मुझे अभी तक उनसे कोई पत्र नहीं मिला है और न ही इस मामले पर चर्चा की गई है। जब तक मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलूंगा तब तक इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। वहीं डंग के इस्तीफे पर मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति ने कहा कि मुझे हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की ख़बर मिली। उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से अपना इस्तीफा नहीं दिया है। जब वे अपना इस्तीफा मुझे सौंपेंगे, तो मैं इसपर नियमानुसार विचार करूंगा और जरूरी कार्रवाई करूंगा।
मुश्किल में पड़ सकती है कमलनाथ सरकार!
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के कुछ विधायक डंग की राह पर बढ़ सकते हैं, जिससे कमलनाथ सरकार मुश्किल में पड़ सकती है। वर्तमान विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है, राज्य में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है। राज्य की 230 सीटों में से 228 विधायक हैं, दो सीटें खाली हैं। कांग्रेस के 114 और भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार निर्दलीय चार, बसपा के दो और सपा के एक विधायकों के समर्थन से चल रही है।
राजनीति के जानकारों की मानें तो भाजपा की नजर कांग्रेस के तीन विधायक, तीन निर्दलीय और बसपा के दो व सपा के एक विधायक पर है, अगर यह भाजपा के साथ आ जाते हैं अथवा तटस्थ रहते हैं तो सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है। क्योंकि कांग्रेस और भाजपा में सिर्फ सात विधायकों का अंतर है। विधायकों के तटस्थ रहने से कांग्रेस की राज्यसभा की सीट पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि एक सदस्य के लिए 58 विधायकों का समर्थन चाहिए, इस स्थिति में कांग्रेस और भाजपा के एक एक सदस्य का चुना जाना तय है, वहीं दूसरी सीट पाने के लिए दोनों दलों के पास आंकड़ा कम है। कांग्रेस के पास 56 विधायक हैं, वहीं भाजपा के पास 49 विधायक हैं।
राज्य में कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले कांग्रेस के अलावा सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों को करोड़ों का ऑफर दिए जाने और 10 विधायकों को बंधक बनाए जाने के कांग्रेस के आरोपों के बाद तीन दिन से राज्य की सियासत गर्माई हुई है। नया मोड़ तीन दिन से गायब चल रहे मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरदीप सिंह डंग द्वारा इस्तीफा दिए जाने से आ गया है। डंग ने गुरुवार की देर शाम को विधानसभाध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेजा है, डंग इन दिनों कहां है, इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। अभी भी कांग्रेस के दो विधायक बिसाहू लाल सिंह और रघुराज सिंह कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भोपाल से बाहर हैं। कहा जा रहा है कि चारों विधायक बेंगलुरु में हैं।