तिरूवनंतपुरम: केरल में राजनीतिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने राज्य में सत्ताधारी माकपा पर आरोप लगाया कि वह प्रतिद्वंद्वी पार्टी के कार्यकर्ताओं को खत्म करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल कर रही है और हिंसा का माहौल बना रही है। बीते 29 जुलाई को कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं की ओर से आरएसएस कार्यकर्ता राजेश की हत्या के बाद उसके परिजनों से संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए यहां आए जेटली ने एलडीएफ सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि वह जब भी सत्ता में आती है, हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं। यह भी पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, सरकार जल्द ही ले सकती है यह बड़ा फैसला
उन्होंने पत्रकारों से कहा, एलडीएफ जब भी सत्ता में आती है, हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं। राजेश को जैसे जख्म दिए गए, उससे तो आतंकवादी भी शर्मिंदा हो जाते। इससे पहले, राजेश की याद में आयोजित एक शोक सभा को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म कर रहे हैं और हिंसा का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि माकपा को आत्म-मंथन करने की जरूरत है। राजेश के परिवार से मिलने पहुंचे जेटली ने पुलिस पर पूर्वाग्रह से ग्रसित रहने का आरोप लगाया और कहा कि जब आरएसएस-भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, उनकी हत्या की जा रही है, तब पुलिस तमाशबीन बनी हुई है।
गौरतलब है कि केरल में राजनीतिक हिंसा का दौर देखा जा रहा है। राज्य में माकपा कार्यकर्ताओं की हत्या या उन पर हमले के कुछ मामलों में भाजपा-आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगते रहे हैं जबकि आरएसएस-भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या या उन पर हमले के मामलों में माकपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगते रहे हैं। इस बीच, माकपा ने राजभवन के सामने सत्याग्रह आयोजित कर जेटली के दावों पर सवाल उठाए। सत्याग्रह के तहत माकपा के उन 21 कार्यकर्ताओं के परिजन धरने पर बैठे हैं जिनकी हत्या कथित तौर पर आरएसएस कार्यकर्ताओं ने कर दी थी। उन्होंने मांग की कि जेटली उनके घर जाकर भी हालचाल लें।
माकपा ने आरएसएस-भाजपा पर आरोप लगाया कि वे राज्य में राजनीतिक हिंसा को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने आरोप लगाया कि जून की शुरूआत में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की यात्रा के बाद राज्य में राजनीतिक हिंसा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि माकपा के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में कथित हमले करके भाजपा राज्य में अमित शाह की योजना को लागू कर रही है। इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक सर्वदलीय बैठक कर राज्य में हिंसा के दुष्चक्र को खत्म करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। जेटली ने इसे सकारात्मक कदम करार दिया।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में विजयन ने कहा कि केरल के राजनीतिक हिंसा के दुष्चक्र में फंसे होने का दुष्प्रचार करने से राज्य में निवेश की संभावनाओं पर असर पड़ेगा। विजयन ने जेटली के इस आरोप को खारिज कर दिया कि आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस पूर्वाग्रह से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि वह हिंसा पर लगाम लगाने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं।
माना जा रहा है कि जेटली केरल का दौरा इसलिए कर रहे हैं ताकि कथित तौर पर माकपा की ओर से भाजपा कार्यकर्ताओं पर बढ़ते हमले के मुद्दे को राष्ट्रीय फोकस में लाया जा सके। जेटली ने इस दलील को खारिज कर दिया कि केरल में राजनीतिक हिंसा के लिए आरएसएस-भाजपा भी जिम्मेदार है। उन्होंने केरल में लगातार हो रही हिंसा पर उन लोगों की पूरी चुप्पी पर भी सवाल उठाए जो देश के अन्य हिस्सों में होने वाली ऐसी ही घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं। भाजपा नेता ने कहा, देश के अन्य हिस्सों में होने वाली ऐसी ही घटनाओं के खिलाफ नियमित तौर पर बोलने वाले लोग केरल में लगातार हो रही हिंसा पर पुरी तरह चुप हैं।