जम्मू: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि अगर मैंने दिल्ली की तरफ देखा होता तो मुझे सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाना पड़ता और इसके लिए मैं इतिहास में एक ‘बेईमान आदमी’ के रूप में याद किया जाता। न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपने इस बयान से किनारा कर लिया।
पीडीपी ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से एक सरकार गठन का दावा किया था जिसके बाद मलिक ने पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया था। लोन की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीपुल्स कांफ्रेस ने भाजपा और अन्य दलों के 18 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया था जिसके बाद ऐसा किया गया।
शनिवार को ग्वालियर में आईटीएम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह से पूर्व एक अकादमिक सम्मेलन में सत्यपाल मलिक ने कहा था, ‘‘दिल्ली की तरफ देखता तो मुझे लोन की सरकार बनवानी पड़ती और मैं इतिहास में एक बेईमान आदमी की तरह देखा जाता।’’ फैक्स मशीन के काम नहीं करने के बारे में राज्यपाल के बयान के बारे में जाने माने पत्रकार रवीश कुमार के उल्लेख के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘इसके बाद मैंने मामले को समाप्त कर दिया। जो कोई भी दोष निकालना चाहता है अब ऐसा कर सकता है लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि मैंने जो किया वह सही है।’’
राज्यपाल ने कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेंस पर भी निशाना साधा और कहा कि अगर वे सरकार बनाने के इतने ही इच्छुक थे तो उन्हें एक दिन पूर्व जम्मू आकर मुझसे मिलना चाहिए था। मलिक ने कहा, ‘‘ईद छुट्टी का दिन था और यह एक शुभ दिन होता है। क्या वे यह उम्मीद कर रहे थे कि राज्यपाल फैक्स मशीन के पास खड़े रहते और उनके फैक्स का इंतजार करते?’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और नेकां नेता उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर गंभीर थे तो वे मुझे फोन कर सकते थे या एक चिट्ठी लिख सकते थे।’’