मुंबई: भाजपा प्रमुख और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर भेजे गये सारे धन का वहां की पूर्ववर्ती सरकारों ने इस्तेमाल किया होता तो वहां के घरों की छतें सोने की हो गई होतीं।
शाह ने रविवार को उपनगर गोरेगांव में एक रैली में कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 वहां की सरकारों को भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की स्थापना नहीं करने की इजाजत देता था, जिससे विकास कार्यों के लिए केंद्र द्वारा भेजे गए धन की ‘‘लूट’’ आसान हो गई।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जम्मू कश्मीर की पूर्ववर्ती सरकारों ने भ्रष्टाचार रोधी कानून को लागू करने की अनुमति नहीं दी। यहां तक कि वहां कोई भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) नहीं था। इससे पहले की सरकारें घोर भ्रष्टाचार में लिप्त थीं। चूंकि वहां कोई एसीबी नहीं है, इसलिए जनता के लिए भेजी गई रकम बेईमानी से हथिया ली जाती थी।’’
शाह ने दावा किया, ‘‘जम्मू कश्मीर में दो लाख 27 हजार करोड़ रुपया भारत (सरकार) का गया, अगर भ्रष्टाचार नहीं हुआ होता तो हर कश्मीरी के घर पर सोने के पत्तरे लग गए होते। ’’ अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र के फैसले पर यहां एक रैली में उन्होंने कहा कि केंद्र के इस फैसले से जम्मू कश्मीर में विकास होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर की संस्कृति के संरक्षण के लिए नहीं बल्कि यह उनके (नेताओं के) भ्रष्टाचार के संरक्षण के लिए था।’’