गांधीनगर: प्रतिष्ठा की एक ऐसी जंग जिसमें सियासत के दो दिग्गजों की साख दाव पर थी। एक तरफ बीजेपी के चाणक्य थे तो दूसरी तरफ कांग्रेस के चाणक्य। पिछले 15 दिनों से दोनों तरफ से दांव पर दांव चले जा रहे थे लेकिन एक वीडियो ने पूरे चुनाव की बाजी पलट दी। जिस चुनाव के लिए 7 विधायकों ने बगावत कर दी, 44 विधायकों को तक राज्य छोड़ना पड़ा उसका फैसला सिर्फ आधे वोट से हुआ।
कैसे आधी रात में बिगड़ गया बीजेपी का बना-बनाया खेल?
रात डेढ़ बजे का वक्त था और सबकी धड़कनें तेज थीं क्योंकि बैलेट बॉक्स में कैद मतपत्रों से राजनीति के दो धुरंधरों के सियासी रसूख का फैसला होना था। एक तरफ बीजेपी के बलवंत सिंह थे जिन पर अमित शाह ने दाव लगाया था दूसरी तरफ कांग्रेस के अहमद पटेल थे जिनकी वजह से पूरी कांग्रेस पार्टी की इज्जत दाव पर थी। करीब साढ़े 9 घंटे के इंतजार के बाद गिनती शुरू हुई तो बलवंत सिंह को 38 वोट मिले जबकि अहमद पटेल को 44 वोट मिले। राज्यसभा की इस लड़ाई में अहमद पटेल विजेता बनकर उभरे। बात सिर्फ एक सीट की थी लेकिन इस जीत का असर पूरी कांग्रेस पार्टी पर पड़ा।
चुनावी नतीजों से पहले बीजेपी के नेता बड़े-बड़े दावे कर रहे थे। दिल्ली से गांधीनगर तक बीजेपी के नेता तीसरी सीट पर भी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे लेकिन अहमद पटेल की सटीक रणनीति के आगे सारा खेल खराब हो गया और सारे दावे धरे के धरे रह गए।
कैसे 2 बागी विधायकों की वजह से पलभर में ही पूरी तस्वीर ही बदल गई?
कांग्रेस के दो विधायकों की वजह से चुनाव की पूरी तस्वीर बदल गई। कांग्रेस के बागी विधायक राघव जी अपना वोट डालने पहुंचे थे। जिस जगह पर बैलेट बॉक्स रखा था उसके बगल में कांग्रेस के पोलिंग एजेंट शक्ति सिंह गोहिल बैठे थे। कांग्रेस विधायक राघव जी पटेल ने अपना वोट डाला फिर नियम के मुताबिक अपना मतपत्र पार्टी के पोलिंग एजेंट शक्ति सिंह गोहिल को दिखाया। इसके बाद राघव जी ने अपना मतपत्र कुछ सेकेंड के लिए बगल में बैठे लोगों को दिखा दिया।
कुछ इसी तरह की गलती कांग्रेस के दूसरे बागी विधायक भोलाभाई गोहिल ने की। भोलाभाई ने भी अपना मतपत्र पहले शक्तिसिंह गोहिल को दिखाया और इसके बाद मतपत्र को सामने बैठे बीजेपी नेताओं की ओर घुमा दिया।
- कांग्रेस ने अपने दोनों बागी विधायकों की शिकायत चुनाव आयोग से की
- नियम है कि मतदाता अपना बैलेट पेपर सिर्फ अधिकृत एजेंट को ही दिखा सकते हैं
- कांग्रेस के पोलिंग एजेंट ने पहले रिटर्निंग ऑफिसर से शिकायत की
- फिर चुनाव आयोग से दोनों का वोट रद्द करने की मांग की गई
जीतकर भी हार गए अमित शाह !
अपने ही 2 बागी विधायकों का वोट रद्द कराने के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। रणदीप सुरजेवाला, अशोक गहलोत और पी. चिदंबरम जैसे दिग्गज कांग्रेसी भागे-भागे चुनाव आयोग पहुंचे। जवाब में बीजेपी के केंद्रीय मंत्री भी चुनाव आयोग पहुंचे।
- 4 घंटे के अंतराल में बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने 3-3 बार आयोग में हाजिरी लगाई..
- कांग्रेस की ओर से 6 नेताओं ने अपनी राय रखी..
- बीजेपी की ओर से 6 केंद्रीय मंत्रियों ने आरोपों पर अपनी सफाई दी..
- चुनाव आयोग ने रात 11.40 बजे दोनों वोट रद्द कर दिए..
2 वोटों ने कैसे बिगाड़ा शाह का गणित?
चुनाव आयोग ने कांग्रेस की ये दलील मान ली कि दोनों विधायकों ने अपना वोट गोपनीय नहीं रखा। इन दो वोटों के रद्द होने की वजह से पूरा समीकरण ही बदल गया..
अहमद पटेल को जीत के लिए पहले 45 वोट चाहिए थे और 2 वोट रद्द होने के बाद जीत का जादुई आंकड़ा 43.5 हो गया। अहमद पटेल को 44 वोट मिले इस हिसाब से करीब आधे वोट से अहमद पटेल अपनी जिंदगी की सबसे मुश्किल लड़ाई जीत गए। राज्यसभा की एक सीट पर मिली इस मुश्किल जीत के बाद कांग्रेस का कॉन्फिडेंस जबरदस्त तरीके से बढ़ा है। पार्टी ये मानकर चल रही है कि इस छोटी सी जीत से उसे गुजरात विधानसभा चुनाव में बड़ी मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी।
देखिए वीडियो-