अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरमती नदी से सीप्लेन में सवार होकर मेहसाना जिले के धरोई बांध के लिए आज सुबह उड़ान भरी। गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। सरदार ब्रिज के निकट से मोदी एकल इंजिन वाले सीप्लेन में सवार हुए। यह पुल पुराने शहर को अहमदाबाद पश्चिम से जोड़ता है। देश में इस तरह के विमान की यह पहली उड़ान है। प्रधानमंत्री नदी से विमान में सवार हो सकें इसके लिए विशेष बंदोबस्त किए गए थे। यहां एक विशेष जेटी बनाई गई थी।
विमान ने सरदार ब्रिज के छोर से उड़ान भरी। भाजपा कार्यकर्ता और अन्य लोग ‘‘मोदी-मोदी’’ के नारे लगा रहे थे। अपनी तरह के पहले आयोजन को देखने के लिए साबरमती पर भीड़ उमड़ पड़ी थी। विमान मेहसाना में धरोई बांध के जलाशय में उतरा। इसके बाद प्रधानमंत्री धरोई से सड़क मार्ग के जरिए बनासकांठा जिले से होते हुए अंबाजी मंदिर के लिए रवाना हुए। मंदिर में दर्शन के बाद वह सीप्लेन से ही अहमदाबाद लौट आएंगे।
आखिरी प्रचार बहुत जोरदार
- साबरमती रिवरफ्रंट से सी-प्लेन के जरिये धरोई डैम पहुंचे
- धरोई डैम से बनासकांठा के अम्बा जी मंदिर में दर्शन
- धरोई से अम्बाजी मंदिर का 51 किमी. का सफर सड़क से
- धरोई से अम्बाजी मंदिर के बीच पीएम मोदी का रोड शो
- अम्बाजी मंदिर के दर्शन के बाद धरोई डैम वापस लौटेंगे
- धरोई डैम से सी-प्लेन में उड़ान भरकर सरदार ब्रिज पर उतरेंगे
- पीएम मोदी साबरमती रिवरफ्रंट से एयरपोर्ट तक रोड शो करेंगे
मोदी ने कल एक चुनावी रैली में कहा था कि देश के इतिहास में यह पहली बार होने जा रहा है कि एक सीप्लेन साबरमती नदी में उतरेगा। उन्होंने कल कहा था, ‘‘मैं सीप्लेन से अंबाजी जाऊंगा और वापस आऊंगा।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने अहमदाबाद में आज रोड शो की योजना बनाई थी लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। मोदी ने कहा था, ‘‘ लेकिन मेरे पास वक्त था इसलिए मैंने सीप्लेन की मदद से अंबाजी जाने का फैसला लिया। ’’
अम्बाजी मंदिर की खासियत
- भारत का सबसे पुराना और पवित्र तीर्थ स्थान है अम्बाजी
- देवी सती के 52 शक्तिपीठों में से एक है अम्बाजी मंदिर
- बनासकांठा की गब्बर पहाड़ियों के ऊपर है अम्बाजी मंदिर
- मान्यता के मुताबिक मंदिर करीब 1200 साल पुराना है
- 1975 से चल रहा है अम्बाजी मंदिर के जीर्णोद्धार का काम
- सफेद संगमरमर से बना मंदिर बेहद भव्य और खूबसूरत है
- शिखर 103 फीट ऊंचा है जिसपर 358 स्वर्ण कलश लगे हैं
- मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है, मां अम्बा की पूजा श्रीयंत्र से होती है
- मान्यता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार हुआ था
- मान्यता है कि भगवान राम शक्ति-उपासना के लिए यहां आए थे
मोदी ने कहा था, ‘‘ हर जगह तो हवाईअड्डे नहीं हो सकते इसलिए हमारी सरकार ने सीप्लेन रखने का फैसला किया। ’’ मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कल कहा था कि देश के इतिहास में यह पहली बार होगा कि एक सीप्लेन पानी पर उतरेगा, वह भी साबरमी नदी पर।