नई दिल्ली: गुजरात में मुसलमान वोटर कांग्रेस को लेकर आशंका में हैं। मुसलमानों को लग रहा है कि इस बार कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ जा रही है इसलिये टिकट की लिस्ट से उनका नाम कट सकता है। मुसलमानों ने साफ कर दिया है कि अगर उनको टिकट नहीं मिला तो वो वोट भी नहीं देंगे। उन्होंने एक बैनर के जरिए कांग्रेस को संदेश भेजा है। बैनर पर साफ-साफ लिखा कि मुसलमान को टिकट नहीं तो मुसलमान का वोट नहीं।
ये बैनर सूरत ईस्ट विधान सभा के भीड़ भरे इलाके में लगाया गया है। ये बैनर कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकता है क्योंकि ये माना जाता रहा है कि इस इलाके में मुसलमानों का वोट अब तक कांग्रेस को ही मिलता रहा है। सूरत में जिस विधानसभा सीट पर ये बैनर लगा है वहां पर मुसलमानों ने कांग्रेस से टिकट मांगा है।
बता दें कि दो दिन पहले ही इसी इलाके में महिलाएं बड़ी तादात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में जुलूस निकाल कर खुले आम ऐलान कर चुकी हैं कि पीएम मोदी उनके भाई हैं और उनका वोट भाजपा को जाएगा। अब ये बैनर कांग्रेस के लिए मुसीबत बन रहा है।
पहले मोदी के समर्थन में महिलाओं का जुलूस और अब ये बैनर, कांग्रेस के सामने चुनौती है कि वो भाजपा को टक्कर तो दे ही अपने परंपरागत वोटरों को भी संभाल कर रखे। सूत्र बताते हैं कि भरत सिंह सोलंकी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस के मुस्लिम सपोर्टरों में काफी नाराजगी थी। सूरत में इसको लेकर पूर्व में विरोध भी हो चुका है। ऐसे में मुस्लिमों को लगता है कि शायद इस बार सूरत से किसी मुस्लिम कांग्रेसी नेता को उम्मीदवार न बनाया जाए।
शहर की 12 विधानसभा सीटों में से लिंबायत और शहर पूर्व की सीट मुस्लिम बहुल मानी जाती है। कांग्रेस ने शहर पूर्व से पिछले विधानसभा चुनाव में कदीर पीरजादा को टिकट भी दिया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इस बार भी उन्हें टिकट ऑफर किया गया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया वहीं लिंबायत सीट पर भी बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर हैं।