अहमदाबाद: गुजरात में भाजपा द्वारा एक बार फिर से बहुमत हासिल करने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि उनकी पार्टी जनादेश को स्वीकार करती है और वह हार की जिम्मेदारी लेते हैं।
सोलंकी ने ‘निष्पक्ष’ चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग में भरोसा जताया लेकिन आयोग से आग्रह किया कि उसे ईवीएम को लेकर उठी शंकाओं को दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए। सोलंकी ने कहा, ‘‘कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते, मैं पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेता हूं।’’
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा 150+ का लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रही और 22 सालों में सबसे कम सीटें प्राप्त कीं। सोलंकी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम गुजरात के लोगों द्वारा दिए गए फैसले को स्वीकार करते हैं। (कांग्रेस के अभियान) नवसृजन गुजरात’ को दिए गए समर्थन के लिए हम उनके आभारी हैं।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा को बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से केवल सात सीटें ज्यादा मिली हैं। भाजपा ने दावा किया था कि वह 151 सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है भाजपा इस बार सबसे कम बहुमत से जीती है।’’
अबतक के परिणामों और रूझानों में भाजपा की झोली में 99 सीटें जा रही हैं। राज्य की 182 सदस्य वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 92 सीटों की जरूरत होती है। सोलंकी ने कहा, ‘‘ गुजरात के लोगों ने हमें 2012 की तुलना में चार प्रतिशत अधिक वोट दिए हैं। हम इस फैसले के लिए उनके आभारी हैं।’’
सोलंकी ने खुद चुनाव नहीं लड़ा था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने प्रचार के दौरान सरकारी तंत्र का दुरूपयोग किया और धनबल का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा ने बहुत पैसा खर्च किया और सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल किया। लोगों का एक तबका अब भी ईवीएम पर सवाल कर रहा है। हमें निर्वाचन आयोग में पूरा यकीन है और हमारा मानना है कि इस बार का चुनाव निष्पक्ष था।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए कोशिशें की जाएंगी।