नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान विरोधियों का मजाक उड़ाना, तंज कसना और कभी कभी भाषाओं की सीमा लांघना तो आम बात है लेकिन वोट के लिए सफेद झूठ बोलना वाकई हैरानी की बात है। शायद देश के नेताओं को अब तक ये बात समझ में नहीं आई है कि आज के जमाने में बंद कमरे में दिया गया बयान उनके लिए मुसीबत बन सकता है। आइए आपको दिखाते हैं किस तरह अलग अलग पार्टी के नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान झूठ बोल कर लोगों से वोट लेने की कोशिश की। आज का वायरल गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं के झूठे बयान और फरेब की दास्तां हैं।
गुजरात चुनाव में झूठे भाषण और वादों की बरसात
गुजरात चुनाव के दौरान नेताओं ने ऐसे-ऐसे झूठ बोले हैं जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। कोई 80 हजार रुपये में एक पीस मशरूम की बाते करता पकड़ा गया तो ऐसी मशीन के बारे में बता रहा था जिससे एक तरफ से आलू डालने से दूसरी तरफ से सोना निकलता है। गुजरात चुनाव प्रचार में वाकई नेताओं ने झूठ की बरसात की है। कांग्रेस पार्टी का दामन थामने वाले अल्पेश ठाकोर ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर दिन चार लाख रुपये का मशरूम खा जाते है। अल्पेश ठाकोर के मुताबिक मोदी ताइवान का मशरूम खा कर गोरे हो गए हैं। अल्पेश का झूठ पकड़ा गया और उनकी काफी किरकिरी भी हुई।
ऐसा ही एक झूठ ईवीएम के बारे कहा गया। कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढ़वाडिया ने ईवीएम मशीनों में ब्लूटूथ के जरिए छेड़छाड़ की आशंका जताई और चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज करा दी। उन्होंने कहा कि पोरबंदर के तीन मतदान केंद्रों पर ब्लूटूथ के जरिए ईवीएम से छेड़छाड़ की जा रही है। बता दें कि किसी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को ब्लूटूथ से जोड़ने के लिए ये जरूरी है कि उसमें भी ब्लूटूथ की सुविधा हो। इवीएम में ब्लूटूथ जैसी कोई चीज नहीं होती है इसलिए इवीएम से छेड़छाड़ करने का सवाल नहीं पैदा होता है। शायद हार का ठीकरा इवीएम पर फोड़ने के लिए कांग्रेसी नेताओं ने ग्राउंड तैयार करने के लिए ये आरोप लगाए।
चुनाव के दौरान नेताओं के झूठ का पर्दाफाश
एक और झूठ जो सोशल मीडिया में तेजी फैलाया गया जिससे लोग डर गए। दावा किया जाने लगा कि केंद्र सरकार एक ऐसा बिल लेकर आ रही है जो यदि पास हो गया तो आपके बैंक में जमा पैसे पर आपका हक खत्म हो जाएगा। इस कानून के बाद बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में उस बैंक में जमा आपकी लाखों की रकम आप खुद ही नहीं निकाल सकेंगे। इस पर सफाई देने खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली को मैदान में आना पड़ा।
मतलब साफ है कि राजनीतिक दलों में चुनाव प्रचार के दौरान हर तरह की चालबाजी की, झूठ का सहारा लिया और लोगों को डराया गया। जब इससे भी बात नहीं बनी तो कांग्रेस पार्टी ने पहले चरण की वोटिंग के बाद फर्जी एक्जिट पोल का सहारा लिया लेकिन गलती ये हो गई कि ये काम कांग्रेस पार्टी के एक ऑफिस बियरर ने किया। चाणक्य नाम से शेयर किए गए इस एक्जिट पोल में पहले चरण की 89 सीटों में से कांग्रेस को 65, भाजपा को 22 और अन्य को 2 सीटें मिलने का दावा किया था। इस एक्जिट पोल के आते ही सोशल मीडिया में सनसनी फैल गई। बीजेपी फौरन इस एक्जिट पोल के खिलाफ शिकायत दर्ज करने चुनाव आयोग पहुंच गई।
चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं की चालबाज़ी
चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी पर झूठे आंकड़े देने का भी आरोप लगा लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान दे दिया जिसे सुनने के बाद लोगों ने अपना सिर पीट लिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि गुजरात में 45 हजार करोड़ एकड़ जमीन कुछ उद्योगपतियों को दे दी गई। ये वाकई हैरानी की बात है... 45 हजार करोड़ एकड़ जमीन तो पूरी पृथ्वी पर नहीं है फिर उन्होंने ये बयान कैसे दे दिया। हो सकता है उनके भाषण लिखने वाले से गलती हुई हो लेकिन उन्हें एक बार चेक करने की जिम्मेदारी तो राहुल गांधी पर बनती ही है वो पहले भी गुजरात को इंग्लैड से ज्यादा बड़ा बता चुके हैं।
एक मामला जो चुनाव के दूसरे दौर से पहले विवाद बन गया वो कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के घर पाकिस्तान के डिप्लोमैट्स के साथ एक मीटिंग का मामला था। पीएम मोदी ने गुजरात चुनाव में पाकिस्तान का हाथ होने की बात कह कर विवाद को बड़ा बना दिया। हकीकत यही है कि मनमोहन सिंह ने 6 दिसंबर को पाकिस्तान के कुछ बड़े अधिकारियों के साथ मुलाकात की, जिनमें और भी कई लोग शामिल हुए। इस मुलाकात में मनमोहन सिंह, हामिद अंसारी, भारत के पूर्व आर्मी जनरल और पूर्व विदेश सचिव से लेकर पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे अधिकारी मौजूद थे लेकिन हैरानी इस बात की है कि कांग्रेस पार्टी से जब इस मीटिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस तरह की किसी मीटिंग से साफ इंकार कर दिया।
कांग्रेस पार्टी झूठ पकड़ा गया तब उन्होंने ये माना कि मनिशंकर अय्यर के घर में पाकिस्तानियों के साथ मीटिंग हुई थी। इसी तरह राम जन्मभूमि मामले में कपिल सिबल ने ये कहा कि वो मुस्लिम पक्ष के वकील नहीं है जबकि सच्चाई कुछ और ही निकली। कपिल सिबल के झूठ की वजह से कांग्रेस पार्टी की काफी किरकिरी हुई। सोशल मीडिया में सलमान निजामी का मामला भी काफी हाइलाइट हुआ था क्योंकि उसने अपने ट्वीट पर प्रधानमंत्री मोदी से ये पूछ डाला कि तुम्हारा बाप कौन है। इस ट्वीट की वजह से प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात की जनता से इमोशनल अपील करने का मौका मिल गया।
देखिए वीडियो-
चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने तीन अजीबोगरीब दावे किए। पहला ये कि नर्मदा का पानी सिर्फ उद्योगपतियों को मिलता है.. दूसरा ये कि गुजरात में 13 हजार स्कूल बंद हो गए.. और तीसरा ये कि गुजरात में 30 लाख बेरोजगार हैं। इन आंकड़ो पर सोशल मीडिया में बहुत बहस हुई और बीजेपी को भी इन पर जवाब देना पड़ा।
दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान हर पार्टी के नेता वोटर्स को लुभाने के लिए अलग अलग तकनीक अपनाते हैं लेकिन गुजरात चुनाव में जो हुआ वो वाकई हैरान करने वाला है। प्रचार के दौरान झूठे वादे और अफवाहों का बाजार गरम रहा। चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए बयान में जरा सी चूक बड़े विवाद बन जाते हैं और जब सच सामने आ जाता है तो राजनीतिक दलों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इस चुनाव से नेताओं को ये सीख जरूर मिलेगी कि देश बदल गया है और चुनाव प्रचार के दौरान झूठ बोलना अब रिस्की है।