अहमदाबाद: गुजरात में पिछले साल के चुनाव के बाद विधानसभा में गणितीय समीकरण बदल जाने के कारण भाजपा को अब राज्यसभा में दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। राज्यसभा की खाली हो रही 58 सीटों के लिए 23 मार्च को देशभर में चुनाव होंगे। इन सीटों में चार सीटें गुजरात में हैं जो फिलहाल भाजपा के पास है।
पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में मिली सीटों की संख्या के हिसाब से भाजपा और कांग्रेस संसद के ऊपरी सदन में दो दो सीटें हासिल करने की स्थिति में है। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटें 2012 की 115 से घटकर 2017 में 99 रह गयीं जबकि कांग्रेस की सीटें 60 से बढ़कर 77 हो गयीं। भाजपा के लिए दुविधा दो उम्मीदवारों का चयन होगा क्योंकि वर्तमान चार राज्यसभा सदस्यों में तीन मंत्री हैं। वे अरुण जेटली, पुरषोत्तम रुपाला और मनसुख मंडाविया हैं। चौथे सांसद शंकरभाई वेगाड़ हैं जो ओबीसी नेता हैं।
विधानसभा के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘2017 के चुनाव के बाद विधानसभा में भाजपा के पास 99 विधायक हैं। राज्यसभा चुनाव नियमों के अनुसार एक उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 38 वोटों की दरकार होगी। अतएव दोनों ही दलों को दो दो सीटें मिलने की संभावना है।’’ कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा की सीट हासिल करने के लिए पार्टी के अंदर भारी लॉबिंग चल रही है।
सूत्र ने कहा, ‘‘गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, विधानसभा चुनाव हार गए शक्तिसिंह गोहिल, अर्जुन मोढ़वाड़िया, सिद्धार्थ पटेल और तुषार चौधरी जैसे नेता इन सीटों के लिए दौड़ में हो सकते हैं।’’ वैसे सूत्रों का कहना हे कि उम्मीदवारों के बारे में अंतिम फैसला नई दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान करेगा।
भाजपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी में उम्मीदवार का चयन मुश्किल हो सकता है क्योंकि पार्टी बस दो मंत्री को ही गुजरात से ऊपरी सदन में भेज सकती है और शायद उसे बाकी एक को दूसरे राज्य से भेजना पड़े। वित्तमंत्री जेटली वर्ष 2000 से तीन कार्यकाल से राज्यसभा में गुजरात का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। गुजरात विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पंकज देसाई ने कहा कि उम्मीदवारों का चयन पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा।