नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि भारत में महागठबंधन जांचा, परखा और विफल विचार है और यदि ऐसा कोई गठबंधन फिर बनता है तो 2019 का चुनाव एक मजबूत नेता के नेतृत्व वाली स्थिर सरकार और एक अराजक गठजोड़ के बीच मुकाबला होगा। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत को लेकर विश्वास जताते हुए कहा कि यह भारत द्वारा अराजक प्रकार के गठजोड़ को परखने का समय नहीं है वो भी ऐसे समय में जब वह वृद्धि के पथ पर है।
भारत में महागठबंधन के इतिहास का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि आपने इसे चंद्रशेखर के तहत देखा, वी पी सिंह के समय भी आंशिक रूप से इसे परखा गया, चौधरी चरण सिंह, आई के गुजराल और देवगौड़ा के समय भी इसे देखा गया। यह एक ऐसा प्रयोग है जहां नीतियों की हत्या हो जाती है और सरकार की उम्र महज कुछ महीनों की होती है। वित्त मंत्री ने एचटी लीडरशिप समिट में यहां कहा कि इसलिए, यह (महागठबंधन) जांचा, परखा और विफल विचार हैं जो सुनने में बेहद अच्छे लगते हैं। एक बड़े गठबंधन के लिये आपका केंद्र बड़ा होना चाहिए और आपके साथ छोटे समूह खड़े होने चाहिए। आपका केंद्र महज कुछ लोगों का नहीं होना चाहिए और आपका गठबंधन उन राजनीतिक दलों का नहीं हो सकता जिनके हित क्षेत्रीय होते हैं।
आने वाले दिनों में होने वाले कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगामी लोक सभा चुनावों के मद्देनजर जेटली की यह टिप्पणी अहमियत रखती है। अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिये विपक्ष की तरफ से महागठबंधन की बातचीत को लेकर उन्होंने आगे कहा कि आप उन दलों के साथ गठबंधन नहीं कर सकते जिनके नेता स्वतंत्र राय रखने वाले हैं या वे इसलिये गठबंधन में रहना चाहते हैं जिससे आपराधिक मामले बंद हो जाएं। अगर आप इस तरह की भीड़ लेकर साथ चलते हैं तब 2019 में आपके पास मजबून नेता वाली स्थिर सरकार और पूर्णत: अराजग गठजोड़ के बीच चुनाव क विकल्प होगा।
उन्होंने कहा कि इतिहास ने भारत को महान अवसर उपलब्ध कराया है। भारत वैश्विक मंदी और दूसरे कारकों के बावजूद लगातार तेजी से वृद्धि कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसलिये, अभी हमें समन्वय, शासन और नीति की जरूरत है। यह समय नहीं है जब आप किसी अराजक गठबंधन को देखें। मेरा मानना है कि महत्वाकांक्षी समाज कभी खुदकुशी नहीं करता। इसलिये, मुझे यह बहुत स्पष्ट है कि 2019 में क्या होगा।