नयी दिल्ली: सरकार ने संसद के मानसून सत्र में पेश करने के लिए 17 नये विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। मानसून सत्र 19 जुलाई से आरंभ होगा और 13 अगस्त को समाप्त होगा। सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले इन 17 नये विधेयकों में से तीन विधेयक अध्यायदेशों के स्थान पर लाए जाने हैं। दरअसल, संसद का सत्र आरंभ होने पर अध्यादेश को विधेयक के रूप में संसद की मंजूरी दिलानी होती है क्योंकि 42 दिन या छह सप्ताह में इनके प्रभावी रहने की समयसीमा समाप्त हो जाती है। सरकार की ओर से 30 जून को एक अध्यादेश लाया गया था जो आवश्यक रक्षा सेवाओं से जुड़े लोगों के आंदोलन या हड़ताल करने पर रोक से संबंधित है।
आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के कुछ प्रमुख फेडरेशन की ओर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करने की पृष्ठभूमि में यह अध्यादेश लाया गया था। इन फेडरेशन ने ओएफबी के निगमीकरण से संबंधित सरकार के फैसले के विरोध में हड़ताल की घोषणा की थी। गत 12 जुलाई को जारी लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, ‘आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021’ को भी अध्यायदेश के स्थान पर लाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021 भी एक अध्यादेश के स्थान पर लाया जाना है।
सरकार के अनुसार, यह अध्यादेश वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए स्थानीय समाधान प्रदान करने और एक सुरक्षा मानक तय करने से संबंधित है। इसके अलावा सरकार दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 लेकर आएगी। यह भी एक अध्यादेश के स्थान पर लाया जाएगा। इस विधेयक तहत छोटे और मझोली इकाई के तहत आने वाले कर्जदार कारोबारियों को दिवाला निपटान प्रक्रिया (पीपीआईआरपी) की सुविधा दी जानी है।
सरकार ने भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2021, पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (संशोधन) विधेयक, 2021, बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021, व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, 2021 और कुछ अन्य विधेयकों को भी सूचीबद्ध किया है। वित्तीय बुलेटिन के अनुसार, वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा और मतदान होगा।
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