नई दिल्ली: एक तरफ सुरक्षा बल आतंकवादियों का सफाया कर रहे है तो दूसरी तरफ सरकार उन संगठनों पर नकेल कस रही है जो दहशतगर्दों को सपोर्ट करते हैं। एनकाउंटर्स के दौरान आतंकवादियों को बचाने के लिए पत्थरवाजों की भीड़ इक्कठा करते हैं। वहीं इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक सरकार जल्दी ही हुर्रियत कॉन्फ्रैस पर वैन लगा सकती है, हालांकि इसका फैसला नहीं हुआ है। लेकिन टॉप लेवल पर हुर्रियत पर बैन लगाने के बारे में विचार हुआ है। इंडिया टीवी के पॉलिटिकल एडिटर जयन्त घोषाल ने बताया कि गुरुवार को कैबिनेट की मीटिंग से पहले कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी की मीटिंग हुई थी। CCS की मीटिंग में हुर्रियत पर पाबंदी लगाने के बारे में भी विचार हुआ है।
सरकार इससे पहले जम्मू कश्मीर के संगठन जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगा चुकी है। महबूबा मुफ्ती सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैं। इस फैसले के खिलाफ वैली में मार्च निकाल रही हैं और रैलियां कर रही हैं।लेकिन सरकार चाहती है कि आतंकवादियों को खत्म करने के साथ साथ घर में बैठ उन लोगों पर भी नकेल कसनी चाहिए जो भारत में बैठकर पाकिस्तान का गाना गाते हैं।
सरकार ने फिलहाल जम्मू कश्मीर के गवर्नर से हुर्रियत पर वैन लगाने के मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है। अगर गवर्नर की रिपोर्ट में भी हुर्रियत पर वैन लगाने की सिफारिश की जाती है। तो सरकार इस पर जल्दी फैसला करेगी।