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'सरकार ने महसूस किया, अर्थव्यवस्था को वियाग्रा की जरूरत'

"आम आदमी का बोझा कम करने के बजाए वे उसका बोझा और बढ़ाते जा रहे हैं। और उनके मंत्री कहते हैं 'पेट्रोल कौन खरीदता है..जिसके पास कार है और निश्चित रूप से वह भूखा नहीं है'।" सिब्बल ने कहा, "इस सरकार के घमंड और आचरण को तो देखिए।"

Reported by: IANS
Published : September 23, 2017 10:04 IST
kapil-sibal
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नई दिल्ली: जीडीपी में वृद्धि के सरकार के पूर्व के दावे का उपहास उड़ाते हुए कांग्रेस ने कहा कि दरअसल सरकार की वृद्धि का मतलब गैस, डीजल और पेट्रोल (जीडीपी) की कीमतों में वृद्धि से था। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि लेकिन सरकार को अब महसूस हुआ है कि अर्थव्यवस्था को वियाग्रा की जरूरत है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, "वे कहते थे कि हमारी जीडीपी बढ़ेगी। इस वृद्धि का असली अर्थ गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि से है। यही जीडीपी है। एक लीटर कच्चे तेल की कीमत लगभग 21 रुपये है और इसे रिफाइन करने के बाद इसकी लागत लगभग 31 रुपये होगी।" ये भी पढ़ें: नेपाल में मिली हनीप्रीत की लाश, बाबा राम रहीम ने कराई हत्या?

उन्होंने कहा, "सरकार या पेट्रोलियम कंपनियों की लागत 31 रुपये और बिक्री 79 रुपये में (मुंबई की दर)। वे हरेक लीटर पर 48 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।" सिब्बल ने कहा, "यह बोझा कौन उठाता है, आम नागरिक - वे लोग जो मोटरसाइकिल से चलते हैं, जो अपनी कार खुद चलाते हैं और वे किसान, जो डीजल का इस्तेमाल करते हैं। मुनाफा सरकार के पास जाता है और बोझा किसानों के सिर।"

उन्होंने कहा, "आम आदमी का बोझा कम करने के बजाए वे उसका बोझा और बढ़ाते जा रहे हैं। और उनके मंत्री कहते हैं 'पेट्रोल कौन खरीदता है..जिसके पास कार है और निश्चित रूप से वह भूखा नहीं है'।" सिब्बल ने कहा, "इस सरकार के घमंड और आचरण को तो देखिए।"

उन्होंने कहा, "वे देश के उन एक प्रतिशत लोगों पर कर क्यों नहीं लगाते, जिनके पास देश की 58 प्रतिशत संपत्ति है। संप्रग शासन के दौरान यह 30 प्रतिशत थी। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं और धनी और धनी बनते जा रहे हैं।"

सिब्बल ने यह भी कहा, "इस सरकार ने अब महसूस किया है कि अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ करने के लिए उसे वियाग्रा जैसे एक प्रोत्साहन की जरूरत है। अब वे अर्थव्यवस्था में 40,000-50,000 करोड़ रुपये डालना चाहते हैं। ऐसे तो कोई देश नहीं चल सकता। वे आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ाकर ऐसा करेंगे। यह 65,000 करोड़ रुपये की एक कमी है।" उन्होंने कहा, "साढ़े तीन साल बाद यदि अर्थव्यवस्था की यह स्थिति है, तो देश कहां जाएगा? अच्छा हुआ कि उन्हें यह बात महसूस हुई कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए उन्हें वियाग्रा की जरूरत है।"

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