मुंबई। महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के बाद भाजपा में शामिल हो सकते हैं। राज्य में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के वरिष्ठ मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा में विखे पाटिल का प्रवेश बगैर किसी शर्त के होगा।
बहरहाल, लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने वाले विखे पाटिल ने अपने अगले राजनीतिक कदम पर रहस्य कायम रखा है। विखे पाटिल ने आज सुबह यहां जल संसाधन मंत्री महाजन के सरकारी बंगले पर उनसे मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि वह अहमदनगर लोकसभा क्षेत्र से अपने बेटे सुजय की जीत सुनिश्चित करने में महाजन के समर्थन के लिए उनका शुक्रिया अदा करने आए थे। विखे पाटिल ने कहा, ‘‘भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े अपने बेटे के लिए मैंने खुलकर प्रचार किया था। इसलिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई। मेरे बेटे को टिकट नहीं देना नाइंसाफी थी। यह कांग्रेस की नीति को दर्शाता है।’’
विखे पाटिल ने यह भी कहा कि उन्होंने विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी विधायक के संपर्क में नहीं हूं।’’
भाजपा में शामिल होने की अपनी योजना के बारे में पूछे जाने पर विखे पाटिल ने जवाब दिया कि अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वह मेडिकल शिक्षा विभाग का भी प्रभार संभाल रहे महाजन से पहले मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर मिले थे।
विखे पाटिल ने कहा, ‘‘मैं एक मेडिकल कॉलेज चलाता हूं। मैंने अदालत द्वारा मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए मराठा कोटा रद्द करने के मुद्दे पर उनसे चर्चा की।’’
हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाने वाले महाजन ने साफ किया कि भाजपा में विखे पाटिल का प्रवेश बगैर किसी शर्त के होगा। विखे पाटिल को राज्य कैबिनेट में शामिल करने को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर महाजन ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।
महाजन ने कहा, ‘‘कांग्रेस और एनसीपी में अब कोई नहीं रहना चाहता। लेकिन नए लोगों को शामिल करने को लेकर हमारी भी कुछ सीमाएं हैं।’’ उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और एनसीपी के 60 से ज्यादा विधायक नहीं बन पाएंगे।