श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन के बाद गिरीश चन्द्र मुर्मू ने गुरुवार को नए केंद्रशासित क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आए जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। जम्मू कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन बृहस्पतिवार को हटा लिया गया। जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र के रूप में आज यानी बृहस्पतिवार से अस्तित्व में आ गए हैं।
जम्मू-कश्मीर की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने श्रीनगर स्थित राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुर्मू अगले महीने 60 वर्ष के हो जाएंगे। गुजरात कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी मुर्मू की नियुक्ति का वारंट मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने पढ़ा।
भाजपा नेता जुगल किशोर और राज्यसभा सदस्य तथा पीडीपी नेता नजीर लावे समेत 250 से अधिक गणमान्य अतिथि समारोह में उपस्थित थे। ओडिशा के मूल निवासी मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात में काम कर चुके हैं। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू उनके अतिरिक्त प्रधान सचिव थे।
मुर्मू ने लोक सेवा में एमबीए किया है और वह राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर भी हैं। जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक को उनके शेष कार्यकाल के लिए गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। मलिक पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने थे। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों- जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया था।