नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों से पहले बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को लोकसभा में सामान्य वर्ग के ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ लोगों के लिए नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित बिल को पास कर दिया। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था। इस विधेयक के पास होने पर संविधान में 124वां संशोधन करने का रास्ता साफ हो गया है। यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में किया गया है, जिसके बाद सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है।
वहीं, राज्यसभा का सत्र भी एक दिन यानी 9 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है। कहा जा रहा है कि लोकसभा से बिल को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे बुधवार को इसे राज्य सभा में भी पेश किया जा सकता है। खास बात यह है कि केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को कई विपक्षी पार्टियां भले ही चुनावी स्टंट करार दे रही हैं, लेकिन किसी ने भी इसका खुलकर विरोध नहीं किया है। वहीं, कांग्रेस ने भी लोकसभा में इस बिल का समर्थन करने का फैसला किया है। इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी बिल को समर्थन देने की बात कही थी।
आपको बता दें कि प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़ा वर्गों (OBC) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा। इसका अर्थ यह है कि सामान्य वर्ग के ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ लोगों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा। इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करेगी।
अब तक संविधान में एससी-एसटी के अलावा सामाजिक एवं शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन इसमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का कोई जिक्र नहीं है। संसद में संविधान संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए सरकार को दोनों सदनों में कम से कम दो-तिहाई बहुमत जुटाना होगा। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है।
मुख्य अपडेट
- लोकसभा में सवर्ण आरक्षण बिल के समर्थन वोटिंग के दौरान 326 में से 323 वोट पड़े।
- आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा में पास
- बिल से अमीर-गरीब की खाई कम होगी, सभी धर्मो के गरीब लोगों के लिए आरक्षण: थावरचंद गहलोत
- पीएम की नीति और नीयत अच्छी है, हम संवैधानिक प्रावधान के तहत ऐसा कर रहे हैं, शंकाएं निर्मूल हैं-थावरचंद गहलोत
- एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण में किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं होगा-थावरचंद गहलोत
- सवर्ण आरक्षण बिल समरसता लाएगा-हुकुमदेव नारायण यादव
- वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा पहुंचे
- सामान्य वर्ग के गरीब को भी आरक्षण फायदा मिलेगा-अनुप्रिया पटेल
- एसपी ने थ्री टीयर आरक्षण लागू नहीं किया-अनुप्रिया पटेल
- पिछड़ों को आबादी के हिसाब से आरक्षण मिले-अनुप्रिया पटेल
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बिल का संसद से सड़क तक विरोध करेंगे, आबादी के हिसाब से आरक्षण मिले: आरजेडी
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सामाजिक-आर्थिक भेदभाव खत्म करने की कोशिश: अरुण जेटली
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बड़े दिल के साथ बिल का समर्थन करे लेफ्ट: अरुण जेटली
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कांग्रेस ने 2014 के घोषणा पत्र में सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने का वादा किया था: अरुण जेटली
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सवर्णों को एससी-एसटी और ओबीसी से ज्यादा आरक्षण नहीं: अरुण जेटली
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आरक्षण पर पिछली सरकारों ने जुमलेबाजी की: अरुण जेटली
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आरक्षण पर जुमले की शरुआत विपक्ष ने की: अरुण जेटली
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संसद में पास होने के बाद आरक्षण लागू हो सकता है, विधानसभा से पास कराने की जरुरत नहीं। प्रमोशन में आरक्षण मामले में भी ऐसा ही था: अरुण जेटली
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सवर्ण आरक्षण पर पिछली सरकारों द्वारा सही प्रयास नहीं किए: अरुण जेटली
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सरकार के फैसले से सभी वर्गो को लाभ मिलेगा: थावरचंद गहलोत
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मौजूदा आरक्षण में छेड़छाड के बिना, गरीबों को मिलेगा आरक्षण: थावरचंद गहलोत
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गरीब स्वर्णो को मुख्यधारा में लाने की कोशिश: थावरचंद गहलोत
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सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण की जरुरत: थावरचंद गहलोत
- गरीब स्वर्णो के आरक्षण पर सरकार को धन्यवाद, गरीब युवाओं को राहत मिलने वाली है: अमित शाह
जानें, क्या कहते हैं अनुच्छेद 15 और इसके खण्ड
- अनुच्छेद 15 के खण्ड (1) और खण्ड (2) में अधिकारों का वर्णन है जबकि खण्ड 3 और 4 में अपवादों के उपबंध हैं।
- अनुच्छेद 15 (1) के अनुसार राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
- अनुच्छेद 15 (2) के अनुसार कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमे से किसी के आधार पर–
(क) दुकानों, सार्वजानिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजानिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश, या
(ख) पूर्ण या आंशिक रूप से राज्य निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजानिक समागम के स्थानों के उपयोग के सम्बन्ध में किसी भी निर्योग्यता, दायित्व, निर्बन्धन या शर्त के अधीन नहीं होगा।
- अनुच्छेद 15 (3) के अनुसार कोई बात राज्य को स्त्रियों तथा बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी। अर्थात राज्य स्त्रियों तथा बालकों के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध कर सकता है।
- अनुच्छेद 15 (4) के अनुसार कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिये या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबन्ध करने से निवारित नहीं करेगी।
वीडियो: मोदी सरकार आज संसद में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए आरक्षण बिल को पेश करेगी