नई दिल्ली: आप की किसान रैली में आत्महत्या करने वाले किसान गजेंद्र सिंह को लेकर सियासी खेल तो शुरू हो गया था पर गजेंद्र की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है। गजेंद्र के पूरा व्यक्तित्व को ऐसा नहीं था कि वो अपनी जान देता। ज़िंदादिल गजेंद्र अपनी मौत के पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ गया है।
जाने कया है गजेंद्र की मौत का राज़:
सुसाइड लेटर पर सस्पेंस
दौसा के रहने वाले किसान गजेंद्र सिंह ने जंतर मंतर पर फांसी लगाने से पहले जो चिट्ठी लिखी उसमें जान देने का जिक्र नहीं है। गजेंद्र ने लिखा कि वो फसल खराब होने से परेशान है... इस वजह से वो अपने गांव नहीं जा पा रहा है। इस चिट्ठी से कहीं भी ये नहीं लगता है कि वो जान देने की नीयत से आया था।
क्या वजह सिर्फ फसल की बर्बादी थी?
गजेंद्र की फसल बर्बाद हुई थी लेकिन उसके घर की हालत बहुत ज्यादा खराब नहीं थी। उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी कमजोर नहीं थी। राजस्थान के सरकारी अफसरों की मानें तो गजेंद्र ने कभी भी मुआवजे की मांग नहीं की थी, ऐसे में अचानक से जान देने का फैसला करना चौंकाता है।