नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता अरुण जेटली का शनिवार को एम्स में निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। अस्पताल ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि जेटली ने दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर अंतिम सांस ली। एम्स ने कहा कि हम बड़े दुख के साथ अरुण जेटली के निधन की जानकारी दे रहे हैं कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने 24 अगस्त को दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर अंतिम सांस ली। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें 9 अगस्त दोपहर सवा 12 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था जिसके बाद उनके स्वास्थ्य का हाल जानने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला एम्स पहुंचे थे। वर्ष 2018 में जेटली के किडनी का ट्रांसप्लांट हुआ था। जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को हुआ था।
जेटली के फेफड़ों में पानी जमा हो रहा था, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही था। यही वजह है कि डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था। उन्हें सॉफ्ट टिशू सरकोमा था, जो एक प्रकार का कैंसर होता है। जेटली के निधन की खबर सुनने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हैदराबाद दौरे को खत्म कर दिया है। वह हैदराबाद से दिल्ली के लिए निकल चुके हैं।
अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश के वित्त मंत्री थे। 2019 में उन्होंने खुद को चुनाव से अलग कर लिया और दोबारा मोदी सरकार बनने पर भी खुद को मंत्री पद से दूर रखा। जेटली ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए खुद को अलग रखा। वे 2009 से 2014 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे। अरुण जेटली की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल में हुई थी। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज से बी. कॉम किया और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही कानून की डिग्री ली।
2018 में अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था जिसके बाद से वे लगातार स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहते थे। 2019 में उन्होंने मोदी सरकार2 में शामिल होने से असमर्थता व्यक्त की थी। उन्होंने एक चिट्ठी भी लिखी थी। अपने पत्र में जेटली ने लिखा था ‘मुझे अपने लिए, अपने इलाज के लिए और अपनी सेहत के लिए कुछ वक्त चाहिए।’ जेटली ने यह भी लिखा कि ‘मेरे पास इस दौरान निश्चित तौर पर काफी समय होगा जिसमें मैं सरकार और पार्टी की अनौपचारिक तौर पर मदद कर सकूंगा।