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VIDEO: 14 साल के 'चैंपियन' की आंखों में आंसू, कैसे हार कर भी जीत गए शिवराज सिंह?

बेहद सादगी और सौम्यता के साथ शिवराज ने हार को कबूल किया लेकिन भावनाओं के बवंडर ने शिवराज को अंदर तक कचोट के रख दिया था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 12, 2018 21:52 IST
shivraj singh chouhan- India TV Hindi
shivraj singh chouhan

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की जंग में शिवराज सिंह चौहान की हार हुई। हार के बाद शिवराज ने इस्तीफा दिया और पहली बार कैमरे के सामने आए लेकिन 14 साल के 'चैंपियन' शिवराज की आंखों में आंसू थे। हर समय एक्शन में रहने वाला ये नेता आज इमोशनल था। बीते 14 साल से मध्य प्रदेश के सिंहासन पर बैठे मिट्टी के इस लाल ने हार को स्वीकार किया और इस्तीफा सौंप दिया लेकिन इस्तीफे के बाद जैसे ही शिवराज सिंह पहली बार कैमरे के सामने आए उनके चेहरे पर हार का दर्द साफ झलक रहा था। पूरे 30 मिनट तक प्रेस क्रॉन्फेंस चली और उस दौरान शिवराज के चेहरे पर आत्मसमपर्ण का भाव उभर कर सामने आ रहा था।

मध्यप्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष राकेश सिंह ने हाथ में माइक थाम कर हार का विश्लेषण शुरू किया लेकिन राकेश सिंह के ठीक बायी तरफ बैठ शिवराज स्तब्ध थे। राकेश सिंह ने अपनी बात खत्म करने के बाद शिवराज को आमंत्रित किया। जैसे ही शिवराज ने बोलना शुरू किया, गला रुंध गया, आंखों में आंसू छलक आए, आवाज में भारीपन था और चेहरे पर हार की पीड़ा थी। ये वही शिवराज सिंह थे जिनके चेहरे पर 24 घंटों मुस्कान तैरती थी जिनके शब्दों में पैनापन और धार रहती थी जो अपने जोशीले भाषणों से विरोधियों को पस्त कर देते हैं। जो बीते कई साल से लगातार एक्शन में रहते थे लेकिन आज वहीं शिवराज इमोशन के दरिया में डूब चुके थे।

बेहद सादगी और सौम्यता के साथ शिवराज ने हार को कबूल किया लेकिन भावनाओं के बवंडर ने शिवराज को अंदर तक कचोट के रख दिया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐसा लगा मानों शिवराज फफक फफक कर न रो दें। आंसू आंखों से नीचे गिरने को बेताब थे मगर शिवराज सिंह ने उसे संभाले रखा। कल तक शिवराज सिंह सोच रहे थे कि चौथी बार सरकार बनाएंगे। नतीजों के बाद भी आखिरी बॉल तक खेलते रहे लेकिन जैसे ही पूरा जनादेश आया तो शिवराज ने उसे जनता का आदेश मानकर सिर माथे से लगाया, फिर इस्तीफा दिया और कमलनाथ को बधाई भेजी। साफगोई देखिए कि खुद शिवराज और उनके सिपहसालार ने ये बात डंके की चोट पर बताई।

इतना ही नहीं जाते-जाते शिवराज ने एक मजबूत विपक्ष के तौर पर कांग्रेस को ये चेता दिया कि वो कल तक सत्ताधारी थे अब मध्य प्रदेश की चौकीदारी करेंगे। उन्होंने कांग्रेस अपने चुनावी वादे याद करवाते हुए कहा, 'राहुल जी ने कहा कि अगर 10 दिन में कर्जा माफ नहीं किया तो मुख्यमंत्री बदल दूंगा...तो वो तय करें...वादे को पूरा करना चाहिए।' कांग्रेस पर तंज कसने के बाद शिवराज सिंह के चेहरे पर फिर से वहीं मुस्कान लौट आई और पूरा माहौल बदल गया। अब ये देखना होगा कि 14 साल तक सीएम रहने वाले शिवराज का चौकादीर अवतार कितना कारगर साबित होता है।

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