नई दिल्ली: पूर्व विदेश सचिव सुब्रह्मण्यम जयशंकर केंद्र सरकार में पहली बार मंत्री बने हैं। पद्मश्री से सम्मानित एस जयशंकर ने आज मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचकर उन्होंने नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। 7, लोक कल्याण मार्ग (प्रधानमंत्री आवास) पर उन लोगों को चाय पर बुलाया गया था। भारतीय राजनयिक जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक देश के विदेश सचिव रहे। उन्होंने चीन के साथ बातचीत के माध्यम से डोकलाम गतिरोध को हल करने में मदद की थी।
सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने टाटा समूह के ग्लोबल कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। मार्च में जयशंकर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्म श्री पुरस्कार मिला।
भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत करने में महत्वपूर्ण भूमिका
64 वर्षीय जयशंकर 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे और उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और चेक गणराज्य में भारतीय राजदूत और सिंगापुर में उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया। जयशंकर ने 2007 में यूपीए सरकार द्वारा हस्ताक्षरित भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा भारत और अमेरिका के बीच देवयानी खोबरागड़े विवाद को सुलझाने में भी जयशंकर की अहम भूमिका थी।
शिक्षा और परिवार
नई दिल्ली में जन्मे जयशंकर की शिक्षा एयरफोर्स स्कूल और सेंट स्टीफेंस कॉलेज में हुई। वह भारत के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषकों में से एक स्व. के. सुब्रमण्यम के पुत्र हैं। उनकी पत्नी का नाम क्योको जयशंकर है और उनके दो पुत्र तथा एक पुत्री हैं। उन्हें कुल 36 साल का राजनयिक अनुभव है। जयशंकर ने पॉलिटिकल साइंस से एमए करने के अलावा एम. फिल और पीएचडी भी किया है। वह इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटिजक स्टडी लंदन के भी सदस्य हैं।