चंडीगढ़: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बाजवा को केवल लच्छेदार बातें करने की बजाय शांति के लिए ठोस कार्रवाई भी करनी चाहिए। बाजवा ने एक दिन पहले कहा था कि अब समय आ गया है कि भारत और पाकिस्तान को अपने ‘बीते वक्त को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए।’ इससे कुछ ही दिन पहले दोनों देशों की सेनाओं द्वारा अचानक संघर्ष विराम की घोषणा किए जाने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी कुछ इसी प्रकार के विचार व्यक्त किए थे।
‘आतंकवाद सबसे बड़ी बाधा है’
पहली बार आयोजित इस्लामबाद सुरक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए जनरल बाजवा ने कहा था कि शांति और विकास की संभावनाएं, हमेशा ही दोनों देशों भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित मुद्दों की मोहताज रही हैं। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने में ‘सबसे बड़ी बाधा’ बताते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि बाजवा को पहले ISI को काबू करना चाहिए और उसके बाद भारत पाकिस्तान संबंधों की स्थिरता की बात करनी चाहिए। सिंह ने एक बयान में कहा कि जनरल बाजवा को ‘शांति के बारे में लच्छेदार बातें करने के साथ ही ठोस कार्रवाई भी करनी चाहिए।’
‘इस्लामाबाद रोड़े अटकाता आया है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक पाकिस्तान ठोस कार्रवाई के जरिए अपनी गंभीरता साबित नहीं कर देता, भारत, पाकिस्तान के साथ नरमी से पेश नहीं आ सकता। उन्होंने कहा, ‘सीमा पार से भारत में लगातार घुसपैठ हो रही है। हर रोज सीमा पर भारतीय सैनिक मारे जा रहे हैं। हर दूसरे दिन वे (पाकिस्तान) ड्रोन के जरिए पंजाब में हेरोइन और हथियार गिरा रहे हैं।’ अमरिंदर ने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति के रास्ते में नई दिल्ली नहीं बल्कि इस्लामाबाद रोड़े अटकाता आया है। उन्होंने कहा, ‘अगर इस्लामाबाद, नई दिल्ली के साथ शांति को लेकर वाकई गंभीर है तो उन्हें चीन को तेज और साफ संदेश देना चाहिए कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर खतरनाक खेल में वह उसके साथ नहीं है।’