नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी के मंत्री गिरिराज सिंह की रंगभेदी टिप्पणी को संकीर्ण मानसिकता की उपज बताया। देशभर में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शनों के बीच बिहार की एक अदालत ने पुलिस को केंद्रीय मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। दुनियाभर में रंगभेद के खिलाफ चल रहे आंदोलनों को नजरअंदाज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने मंत्री का बचाव किया। कहा, "चूंकि उन्होंने अपने बयान पर खेद जता दिया है इसलिए मामला वहीं पर खत्म हो गया।"
याद रहे, खेद जताने और माफी मांगने में फर्क होता है।
बेमौसम बारिश और आलों के कारण बेहाल किसानों का हाल जानने मध्यप्रदेश पहुंचीं सोनिया गांधी ने गिरिराज के बयान को हालांकि खास तरजीह नहीं दी।
मीडियाकर्मियों ने जब केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, "उन्होंने (गिरिराज) क्या कहा? मुझे तो नहीं पता।"
उन्हें गिरिराज सिंह के बयान वाला टेप सुनाया गया। पूरा सुनने के बाद सोनिया गांधी ने कहा, "जो लोग संकीर्ण मानसिकता वाले हैं, मैं उन लोगों पर कोई प्रतिक्रिया देना उचित नहीं समझती। यही मेरा जवाब है।"
गिरिराज सिंह ने बिहार के हाजीपुर में संवाददाताओं से कहा था, "यदि राजीव गांधी किसी नाइजीरियाई महिला से ब्याह किए होते और सोनिया की चमड़ी गोरे रंग की नहीं होती तो क्या तब भी कांग्रेस उन्हें अपना अध्यक्ष स्वीकार कर लेती?"
गिरिराज सिंह पहले भी अपने बयानों को लेकर पार्टी की किरकिरी करा चुके हैं। सोनिया पर दिए बयान का पूरे देश में विरोध होते देख बुधवार को हालांकि उन्होंने अपनी टिप्पणी पर खेद जताया। पार्टी नेतृत्व ने भी उनके बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को उनसे बात की थी और सोनिया पर दिए बयान पर उनकी खिंचाई की थी।
कांग्रेस नेताओं ने गिरिराज के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की और मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने गिरिराज के विवादित बयान पर मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि यह भाजपा की रणनीति का हिस्सा है कि पहले अनर्गल टिप्पणी कर दी जाती है फिर पार्टी उससे अस्वीकृति जता देती है, लेकिन मोदी चुप रहते हैं।
उन्होंने भाजपा के सुशासन के दावे पर निशाना साधते हुए कहा, "देश के लोग यह फैसला करेंगे कि गिरिराज रहेगा या रामराज।"
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उदासीन दृष्टिकोण की निंदा करते हुए कहा कि गिरिराज सिंह 'अपराध दोहराने' वाले हैं।
संजय झा ने आईएएनएस से कहा, "2014 में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने सभी मोदी विरोधियों को पाकिस्तान जाने के लिए कहा था, इसके बावजूद उन्हें कैबिनेट में स्थान देकर पुरस्कृत किया गया।"
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली में गिरिराज के बयान पर विरोध प्रदर्शन किया। हाथ में पोस्टर लिए गिरिराज सिंह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
बेंगलुरू में भारतीय जनता पार्टी की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। यहां पर भी गुरुवार को कांग्रेस के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और केंद्रीय राज्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।
वहीं बिहार के मुजफ्फरपुर में एक जिला अदालत ने कांग्रेस के नेता संजय कुमार द्वारा दायर परिवाद पत्र पर सुनवाई करते हुए पुलिस को गिरिराज सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए।
संजय ने बताया, "मैंने मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर कर गिरिराज सिंह पर महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक तथा नस्लीय टिप्पणी करने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी।"
भाजपा नेताओं ने गिरिराज का बचाव किया और कहा कि खेद प्रकट करने के बाद इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि विवादित बयान पर गिरिराज की माफी के साथ ही यह मामला खत्म हो गया है।
वहीं भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने बेंगलुरू में कहा कि गिरिराज सिंह इस मामले पर 'माफी' मांग चुके हैं और अब इसको तूल नहीं दिया जाना चाहिए।
केंद्र में मंत्री बनने के कुछ ही दिनों बाद (जुलाई, 2014) पटना में गिरिराज के घर चोरी हुई थी। उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने उनका चोरी हुआ बैग बरामद कर लिया था।
मंत्री ने थाने में लिखाया था कि बैग में 50,000 रुपये थे। लेकिन बरामद हुए उनके बैग से 1.14 करोड़ रुपये निकले थे। कुछ अमेरिकी डॉलर भी निकले थे। सवाल आज भी बरकरार है कि मोदी के मंत्री जी के बैग में इतनी रकम आखिर कहां से आई?
गिरिराज के ताजा बयान की नाइजीरियाई समुदाय में भी आक्रोश है। नाइजीरियाई राजदूत ने भी मोदी के मंत्री के बयान की निंदा की है।