नई दिल्ली: कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए गंभीर राजनीतिक पहल की मांग करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह से आज कहा कि‘‘ निरंतरआम नागरिकों के मारे जाने’’ से जम्मू कश्मीर के उथल- पुथल और अस्थिरता के खतरनाक कगार पर पहुंचने का खतरा है।
अब्दुल्ला आज यहां सिंह से मिले और उन्होंने उन्हें घाटी की ‘गंभीर स्थिति’ के बारे में बताया। इस भेंट के बाद अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आम नागरिकों के मारे जाने में वृद्धि अस्वीकार्य है और इससे घाटी के उथल- पुथल तथा और ही अस्थिरता के खतरनाक कगार पर पहुंच जाने का जोखिम है। मैं केंद्र सरकार से कश्मीर में निर्दोष बेशकीमती जान जाने से रोकने के निर्णायक उपाय करने, उनमें अलग- थलग तथा मोहभंग की भावना को रोकने के लिए टिकाऊ, प्रभावी एवं गंभीर राजनीतिक पहल करने की अपील करता हूं।’’
घाटी में आम नागिरिकों की मौत तथा बिगड़ती स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए श्रीनगर के सांसद ने कहा कि आतंकवाद से जुड़ रहे स्थानीय युवकों की संख्या 1990 के दशक के बाद अप्रत्याशित है और यह प्रवृति दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति से निपटने के लिए विशुद्ध सैन्य या अभियानात्मक पहल व्यर्थ होगी। यह अहम वक्त है और ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों दोनों के लिए राजनीतिक पहल जरुरी है।’’
उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों में हताहत होने वालों की बढ़ती संख्या भी दुख और चिंता का विषय है और वह उन परिवारों के साथ खड़े हैं जिन्होंने अपनों को खोया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि घाटी में विद्यार्थियों का हाल का प्रदर्शन उनके व्यापक गुस्से और असंतोष का प्रकटीकरण है और इसे समझने की जरुरत है।