नई दिल्ली: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर के 5 जिलों में जिला विकास परिषद (DDC) के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को रोकने के उद्देश्य से नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में पिछले साल 20 अक्टूबर को गठित कश्मीर्स पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (PAGD) ने 4 महीनों में ही दम तोड़ दिया है। बता दें कि फारूक अब्दुल्ला फिलहाल दिल्ली में हैं, जबकि गुपकार की एक अन्य महत्वपूर्ण सदस्य PDP अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जम्मू में हैं।
बीजेपी ने नजदीकी बढ़ा रही है सज्जाद लोन की पार्टी
शुक्रवार देर शाम तक भारतीय जनता पार्टी और इसकी सहयोग पार्टी अल्ताफ बुखारी की 'अपनी पार्टी' को रोकने के लिए PAGD के घटक दलों के बीच वार्ता के कोई संकेत नहीं दिखे, जबकि शनिवार को ही श्रीनगर, शोपियां, कुलगाम, जम्मू और कठुआ जिलों में DDC के चुनाव हुए। PAGD का तीसरा घटक दल सज्जाद लोन की पार्टी पीपुल्स कॉन्फ्रेंस इस संगठन से पहले ही अलग हो चुकी है। इसने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार से नजदीकी बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
7 विपक्षी दलों का गठबंधन था गुपकार अलायंस
गौरतलब है कि PAGD मुख्यधारा की सात विपक्षी पार्टियों का एक गठबंधन था। इसके गठन का मकसद भारतीय जनता पार्टी और अपनी पार्टी को रोकने के लिए मिलकर चुनाव लड़ना था, ताकि वे कश्मीर घाटी में DDC व अन्य लोकतांत्रिक संस्थानों के महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हो सकें। फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को पिछले चुनावों में जबरदस्त जीत मिली थी, जबकि अब वे पराजय की दहलीज पर खड़े हैं।
बीजेपी ने जीती थीं सबसे ज्यादा 75 सीटें
बता दें कि गुपकार गठबंधन हाल ही में संपन्न जिला विकास परिषद (DDC) चुनाव में केवल 110 सीटों पर ही सिमट कर रह गया, और 140 का बहुमत का आंकड़ा पार करने में विफल रहा। उधर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस केंद्र शासित प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, और उसने अकेले 75 सीटें जीत ली हैं।