नई दिल्ली: हरियाणा के सासदों और विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया, जिन कानूनों के खिलाफ हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर लगभग दो सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि देश में लंबे समय से कृषि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ये ऐतिहासिक कदम उठाए है, जिनके आने वाले दिनों में सकारात्मक परिणाम आएंगे।
बैठक में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया, लोकसभा सांसद धर्मवीर सिंह और नायब सिंह सैनी और राज्यसभा सांसद डीपी वत्स और कुछ विधायक मौजूद थे। बैठक के बाद, रोहतक के बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा ने कहा कि राज्य के सांसद और विधायक कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने पर सहमत होने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद करने आये हैं। उन्होंने कहा कि एक अन्य मुद्दा सतलज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के पानी से भी जुड़ा हुआ है, जिसे पंजाब कई सालों से अपनी तरफ से रोके हुए है।
हरियाणा के सांसदों और विधायकों ने कहा कि किसान संगठनों ने कृषि कानूनों में जो संशोधन सुझाए थे, उन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया है। केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को इस मामले में आश्वासन पत्र भी भेजा है। केंद्र सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद जारी रहेगी और इसके लिए वे लिखित आश्वासन भी देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों में मौजूदा मंडी व्यवस्था को जारी रखने का भी आश्वासन दिया गया है, जोकि किसान संगठनों की मुख्य मांग थी।
हरियाणा के जनप्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनके राज्य में बागवानी किसानों के लिए अधिक से अधिक कोल्ड स्टोरेज एवं प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना में सहयोग प्रदान किया जाए। उनका कहना है कि दरअसल हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी के समीप है, इसलिए यहां के किसानों को इन सुविधाओं से बहुत अधिक लाभ मिल सकता है।
प्रतिनिधिमंडल में सांसदों और विधायकों ने केंद्रीय कृषि मंत्री से चर्चा के दौरान सतलज-यमुना लिंक नहर से हरियाणा के किसानों को उनके हक का पानी तत्काल प्रदान करने की मांग भी की। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि सतलज-यमुना लिंक नहर हरियाणा की जीवन रेखा है। हरियाणा के किसानों के हिस्से का 19 लाख एकड़ फिट पानी विगत 45 वर्षो से उन्हें नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई की लिए पंजाब से यह पानी हरियाणा को मिलना अत्यंत आश्वयक है। उन्होंने ऊपरी यमुना पर बनने वाले तीनों बांधों लखवार, किसाउ, और रेणुका के कार्य में तेजी लाने का अनुरोध भी किया।