Wednesday, November 06, 2024
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कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा पर मैं अवाक रह गई, यह हमारी नाकामी: उमा भारती

उमा भारती ने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 22, 2021 22:29 IST
Farm laws repeal shows BJP workers' failure to explain their benefits: Uma Bharti- India TV Hindi
Image Source : PTI उमा भारती ने कृषि कानूनों को लेकर एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए हैं।

Highlights

  • उमा भारती ने कहा कि आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए।
  • उमा भारती ने कहा कि मोदी बहुत गहरी सोच एवं समस्या के जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं।
  • उमा भारती ने कहा कि मेरे नेता मोदी जी ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की।

भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती ने कृषि कानूनों को लेकर एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए हैं। सोमवार को अपने ट्वीट में उमा कृषि कानूनों को वापस लिए जने को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को कटघरे में खड़ा किया, लेकिन इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करते समय जो कहा वह उनके जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया। 

उमा भारती ने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए। उमा ने एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा, ‘‘मैं पिछले चार दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूँ। 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई। इसलिए तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूँ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने कानूनों के वापसी करते समय जो कहा वह मेरे जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया। अगर कृषि क़ानूनों की महत्ता मोदी जी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। हम क्यों नहीं किसानों से ठीक से सम्पर्क एवं संवाद कर सके।’’ उमा ने कहा, ‘‘मोदी जी बहुत गहरी सोच एवं समस्या के जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं। जो समस्या की जड़ समझता है, वह समाधान भी पूर्णतः करता है। भारत की जनता एवं मोदी जी का आपस का समन्वय, विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास में अभूतपूर्व है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कृषि कानूनों के सम्बन्ध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके, इसी कारण से उस दिन मोदी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो रही थी।’’ उमा ने कहा, ‘‘मेरे नेता मोदी जी ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की। हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता युग-युग जिये, सफल रहे। यही मैं बाबा विश्वनाथ एवं माँ गंगा से प्रार्थना करती हूँ।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए। मैं स्वयं एक किसान परिवार से हूँ। मेरे दो सगे बड़े भाई आज भी खेती पर आश्रित हैं। मेरा उनसे निरंतर संवाद होता है। मेरी जन्मभूमि के गाँव से मेरा जीवंत सम्पर्क है।’’ उमा ने कहा, ‘‘मेरे बड़े भाई अमृतसिंह लोधी मुझसे हमेशा कहते हैं कि खेत एक अचल सम्पत्ति एवं खेती एक अखण्ड समृद्धि की धारा हैं किन्तु किसान कभी रईस नहीं हो पाता है। मेरे भाई अमृतसिंह लोधी की ज़िंदगी को मैं अपने जन्म से देख रही हूँ। मुझे जो समझ में आया वह यह है कि खाद, बीज और बिजली समय पर मिले तथा अनाज को अपनी मर्जी के मुताबिक बेचने का अधिकार यह खुशहाली का सूत्र हो सकता है।’’

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