नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद में रविवार को 9 नए चेहरों को शामिल किया गया। वहीं, 4 मंत्रियों को प्रमोशन दिया गया है। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों में से एक हैं केरल के अल्फोंस कन्ननथामन। 1979 बैच के इस आईएएस ऑफिसर ने 2011 में बीजेपी जॉइन की थी। वह एक वकील भी हैं। कन्ननथामन को 1994 में टाइम मैगजीन ने विश्व के 100 युवा ग्लोबल लीडर्स की सूची में भी शामिल किया था।
कन्ननथामन केरल से एकमात्र केंद्रीय मंत्री हैं। उनका चयन बेहद अहम माना जा रहा है। बीजेपी केरल में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है और उनके सहारे राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। उनके मंत्री बनने से केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्य का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो गया है। अल्फोंस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में पर्यटन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही वह राज्य मंत्री के तौर पर IT मंत्रालय का भी काम देखेंगे।
ऐसे आए चर्चा में
अल्फोंज उस समय खासे चर्चित हुए जब उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) में कमिश्नर के तौर पर पदभार संभाला था। 1990 के दशक में अल्फोंस ने 15, 000 अवैध इमारतों का अतिक्रमण हटाया, जिसके बाद वह दिल्ली के 'डिमॉलिशन मैन' के रूप में प्रसिद्ध हो गए।
कोयट्टम में हुआ था जन्म
अल्फोंज का जन्म केरल के कोयट्टम जिले के मणिमाला नामक गांव में हुआ था। जब अल्फोंज का जन्म हुआ, तो उनके गांव में बिजली तक नहीं थी। जिला कलेक्टर के रूप में उन्होंने देश के पहले साक्षरता आंदोलन का बीड़ा उठाया और 1989 में कोयट्टम को भारत का पहला 100 प्रतिशत साक्षर टाउन बनाकर दिखा दिया। 1994 में अल्फोंस ने ‘जनशक्ति’ नाम का एक एनजीओ बनाया। यह NGO नागरिकों के प्रति सरकार की जवाबदेही को लेकर लोगों में विश्वास लाने का काम करता है।
निर्दलीय विधायक बने, किताब भी लिखी
IAS से रिटायर होने के बाद अल्फोन्स केरल के कन्जिराप्पल्ली से निर्दलीय विधायक चुने गए। वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2017 का फाइनल ड्राफ्ट बनाने वाली समिति के भी सदस्य रहे। अल्फोन्स ने 'मेकिंग अ डिफरेंस' नाम की किताब भी लिखी है, जो ‘बेस्टसेलर’ रही।