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शिवसेना का रुख नरम पड़ा, फडणवीस ने कहा-भाजपा-शिवसेना गठबंधन जल्द बनाएगा सरकार

शिवसेना के अपनी मांगों को लेकर रुख नरम करने के संकेतों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गठबंधन के सहयोगी जल्द ही मिलकर राज्य में सरकार बनाएंगे। सत्ता के बंटवारे को लेकर शिवसेना-भाजपा के बीच कई दिनों से चल रही खींचतान के बाद यह कथन सामने आया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 31, 2019 10:19 IST
शिवसेना का रुख नरम पड़ा, फडणवीस ने कहा-भाजपा-शिवसेना गठबंधन जल्द बनाएगा सरकार- India TV Hindi
शिवसेना का रुख नरम पड़ा, फडणवीस ने कहा-भाजपा-शिवसेना गठबंधन जल्द बनाएगा सरकार

मुंबई: शिवसेना के अपनी मांगों को लेकर रुख नरम करने के संकेतों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गठबंधन के सहयोगी जल्द ही मिलकर राज्य में सरकार बनाएंगे। सत्ता के बंटवारे को लेकर शिवसेना-भाजपा के बीच कई दिनों से चल रही खींचतान के बाद यह कथन सामने आया है। दो अन्य बड़े राजनीतिक दलों, कांग्रेस और राकांपा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे विपक्ष में रहेंगे जो राज्य में गैर भाजपा सरकार आने की संभावनाओं को खारिज करता है। विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा को एक हफ्ता बीत जाने के बावजूद अगली सरकार की रूपरेखा को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। यह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के राज्य भाजपा विधायक दल का फिर से नेता चुने जाने के बाद से ही शुरू हो गयी थी। 

स्पष्ट तौर पर अपने रुख में नरमी लाते हुए, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के व्यापक हित में सम्मान से समझौता किए बगैर पार्टी के लिए भाजपा नीत गठबंधन में बने रहना जरूरी है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं हैं, लेकिन राज्य का हित महत्वपूर्ण है। शांत तरीके से और राज्य के हित को ध्यान में रखकर फैसला करने की जरूरत है।’’ उद्धव ठाकरे नीत पार्टी बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाए जाने और 50:50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है जबकि भाजपा ने दोनों ही मांगे ठुकरा दी हैं। 

राउत ने कहा कि उनकी पार्टी बस यह चाहती है कि 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव से पहले जो तय हुआ था, वैसे ही हो। यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना 50:50 फॉर्मूले (सत्ता के बराबर बंटवारे) को लागू करने पर अड़ी हुई है, राउत ने कहा, ‘‘आप (मीडिया) यह कह रहे हैं। हम सिर्फ यह चाहते हैं कि जो पहले तय हुआ था वैसे ही चीजें हों।’’ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भाजपा विधायक दल का नेता पुनर्निर्वाचित होने के बारे में राउत ने कहा, ‘‘जिसके पास (288 सदस्यीय सदन के) 145 विधायकों का समर्थन है वह मुख्यमंत्री होगा और उनका स्वागत करना कर्तव्य है।’’ 

उन खबरों के बारे में कि भाजपा ने उपमुख्यमंत्री पद और शिवसेना को 13 मंत्री पद देने की पेशकश की है, इस बारे में राउत सीधा जवाब देने से बचे और कहा, ‘‘हम बही खाता लेकर नहीं बैठे हैं।’’ शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत सत्ता में समान भागीदारी और बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की पार्टी की मांगों को मुखर रूप से व्यक्त करते रहे हैं। भाजपा और शिवसेना के बीच जारी खींचतान के बीच, फडणवीस ने कहा कि गठबंधन सहयोगी जल्द ही राज्य में सरकार बनाएंगे। 

राज्य में सरकार बनाने के लिए ‘वैकल्पिक फॉर्मूले’ पर काम किये जाने की अफवाहों को उन्होंने मनोरंजन करार दिया। फडणवीस ने विधायक दल की बैठक में नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मतदाताओं का जनादेश ‘महायुति’ (भाजपा-शिवसेना गठबंधन) के लिए है। इसलिए ‘महायुति’ जल्द ही राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि राज्य में सरकार बनाने के लिए वैकल्पिक फॉर्मूला के बारे में कई अफवाहें चल रही हैं, लेकिन यह मनोरंजन के अलावा कुछ नहीं है।’’ फडणवीस ने उल्लेख किया कि 1995 के बाद, राज्य में किसी भी पार्टी ने 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 75 से अधिक सीटें नहीं जीतीं, लेकिन भाजपा ने 2014 में 122 सीटें और इस चुनाव में 105 सीटें हासिल की है। 

24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आने के बाद से शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे दावा कर रहे हैं कि अप्रैल-मई के लोकसभा चुनावों से पहले उनके, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और फडणवीस के बीच सत्ता की साझेदारी को लेकर ‘‘सहमति” बनी थी। हालांकि, फडणवीस ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया था कि सत्ता में साझेदारी के ‘फार्मूले’ के तहत शिवसेना को ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद देने का कोई आश्वासन दिया गया था। भाजपा कह रही है कि फडणवीस अगले पांच साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहेंगे। 

भाजपा के एक मंत्री ने दोनों पार्टियों के बीच के ‘अनजाने रिश्ते’ की तुलना हिन्दी फिल्म के एक गाने से की। वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि भाजपा, शिवसेना और अन्य का ‘महायुक्ति’ (महागठबंधन) राज्य में अगली सरकार बनाएगा। मुनगंटीवार ने दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते की तुलना 1981 में आई हिन्दी फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ के गीत की कुछ लाइनों से करते हुए कहा, ‘‘ तेरे मेरे बीच में, कैसा है ये बंधन अंजाना, मैंने नहीं जाना, तूने नहीं जाना।’’ इस बीच, कांग्रेस और राकांपा अगले पांच साल विपक्ष में बैठने को लेकर मन बनाकर बैठी हुई प्रतीत हो रही हैं। 

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना से गठबंधन करने की किसी भी संभावना से कांग्रेस ने बुध‍वार को इनकार कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि शिवसेना की ओर से अगर सरकार गठन को लेकर ‘ठोस’ ‘प्रस्ताव’ मिलता है तो कांग्रेस उस पर विचार करेगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महाराष्ट्र के प्रभारी महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा कि शिवेसना के साथ मिलकर सरकार बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। खड़गे के अलावा बालासाहेब थोराट, सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण ने भी स्पष्ट किया कि पार्टी का शिवसेना के साथ कोई लेना-देना नहीं है। उल्लेखनीय है 21 अक्टूबर को राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। वहीं, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।

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