नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पार्टी में उठापटक को लेकर दिल्ली में मंथन चल रहा है। अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमिटी ने तीसरे दिन भी कांग्रेस के एमएलए और एमपी से मुलाकात की। तीसरे दिन कुल 27 एमएलए और चार एमपी जिसमें 2 राज्यसभा के सांसद हैं और 2 लोकसभा के सांसद हैं, को बुलाया गया। कांग्रेस के इस तीन सदस्यीय पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा, पंजाब के प्रभारी हरीश रावत और पूर्व सांसद जय प्रकाश शामिल हैं।
कांग्रेस पर लगातार दवाब बन रहा है की कैबिनेट में दलित रिपीजेंटेशन को बढ़ाया जाए। राज्य में बीजेपी पहले ही ऐलान कर चुकी है की अगर उनकी सरकार बनती है तो वो दलित सीएम बनाएंगे। वहीं, शिरोमणी अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है की वो दलित डेप्युटी सीएम बनाएंगे। ऐसे में कांग्रेस पर दबाव बढ़ रहा है की वो दलीतो को साधने के लिए कैबिनेट में किसी दलित चेहरे को प्रमोट करे।
कयास लगाए जा रहे है की पार्टी अगले विधान सभ चुनाव से पहले एक दलित डेप्युटी सीएम अनाउंस कर दे। कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार को कमिटी के सामने अपनी बात रखेंगे। कल ये कमिटी पिछले विधानसभा चुनाव में हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवारों से मुलाकात करेगी। इसके अलावा पार्टी के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष भी कमिटी के सामने पेश होंगे।
पंजाब कांग्रेस में उठापटक को लेकर आलाकमान की टेंशन बढ़ने लगी है। पैनल बैठक से पहले शनिवार को दर्जन भर विधायकों को कॉल कर उनसे फीडबैक लिया। राहुल की कॉल की पुष्टि करते हुए कांग्रेस विधायक गुरकीरत कोटली ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को अगले चुनाव में भी पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए और किसी तरह का बदलाव पार्टी के हित में नहीं है।
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