नई दिल्ली: गुजरात में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और कांग्रेस के बीच डील करीब-करीब पक्की हो गई है। तीन नवंबर को इसका औपचारिक ऐलान भी हो जाएगा। इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में हार्दिक पटेल ने कहा कि कांग्रेस पाटीदारों को आरक्षण देने को तैयार हो गई है। हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस जैसे ही पाटीदारों को रिजर्वेशन देने के लिए ब्लूप्रिंट सामने रखेगी वो फौरन कांग्रेस को सपोर्ट का एलान कर देंगे। तीन नवंबर को राहुल गांधी गुजरात आ रहे हैं और इसी दिन दोनों की मीटिंग भी है और इसी मीटिंग के बाद हार्दिक कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे।
क्या कहना है हार्दिक पटेल का
- जो हमारे हितों की बात करेगी हम उसके साथ हैं
- हमारा मुद्दा आरक्षण और किसान है
- कांग्रेस 4-5 दिन में अपना रुख साफ करेगी
- हम कांग्रेस को अपना समर्थन देंगे
- कांग्रेस हमारी मांग मानने को तैयार दिख रही
- तीन नवंबर को राहुल गांधी से होगी मुलाकात
- तीन तारीख को ही समर्थन का ऐदलान करेंगे
- अपनी रैली में राहुल की स्पीच दिखाऊंगा
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्पीच दिखाऊंगा
- हमें संवैधानिक तौर पर आरक्षण चाहिए
- सत्ता में बैठने वाले तय करेंगे आरक्षण कैसे देंगे
हार्दिक पटेल पूरी तरह से तय कर चुके हैं कि वो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन करेंगे। हार्दिक ने खुद बताया कि सारी प्लानिंग हो चुकी है लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि कांग्रेस पाटीदारों को आरक्षण देगी कैसे? क्या वो ओबीसी के तहत पाटीदारों को आरक्षण देगी या फिर कोई और विकल्प चुनेगी?
पाटीदारों को कैसे मिलेगा आरक्षण?
- SC की गाइडलाइंड 50% से अधिक आरक्षण नहीं
- गुजरात में पहले से 49.5% आरक्षण लागू
- पाटीदारों को OBC में शामिल करना पड़ेगा
- पाटीदारों के आने से OBC की नाराजगी तय
- आरक्षण देने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेगी कांग्रेस
- विधानसभा में पास होने के बाद संसद में प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस
- प्रस्ताव पास होने में काफी देर हो सकती है
- 9 शेड्यूल के तहत भी पाटीदार को आरक्षण दे सकती है कांग्रेस
- 9 शेड्यूल में आरक्षण देने पर SC दखल दे सकता है
- 9 शेड्यूल का रिव्यू कर सकता है सुप्रीम कोर्ट
- इस तरह के आरक्षण को कोर्ट में चुनौती देना संभव
कांग्रेस पाटीदारों को ओबीसी की कटैगरी में शामिल करती है, तो ओबीसी में नाराजगी बढ़ सकती है। गुजरात का ओबीसी समुदाय कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता है। ऐसे में कांग्रेस अपने मूल वोटर को नाराज नहीं कर सकती है क्योंकि पटेल आरक्षण की मांग जिस समय उठी थी, उसी समय ओबीसी समुदाय ने भी पाटीदारों के मांग के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। कांग्रेस पाटीदारों को संवैधानिक तौर पर आरक्षण की मांग को पूरा करना मुसीबत का सबब बन सकता है।