नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक एवं अधिवक्ता एच एस फूलका ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों के साथ अपनी ‘‘नजदीकियां’’ स्वीकार की है लेकिन किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने से रविवार को इंकार कर दिया।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की ओर से आयोजित एक समारोह में सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के पक्ष में फूलका की कानूनी लड़ाई के लिए रविवार को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में गोयल ने कहा कि भाजपा के दरवाजे सभी "अच्छे" लोगों के लिए खुले हैं।
फूलका का बयान इसके बाद आया है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए संघर्ष में भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा हम लोगों का समर्थन किया। मैं कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिला और उन्होंने मेरे रूख का समर्थन किया।’’ उन्होंने, हालांकि, भाजपा में शामिल होने की अटकलों से इंकार कर दिया। फूलका ने कहा, ‘‘मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा हूं।’’
गोयल ने फूलका को ‘‘अच्छा आदमी’’ तथा अपना मित्र बताया और कहा कि उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई मायने नहीं रखता है कि वह आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। वह एक अच्छे व्यक्ति हैं जिन्होंने अच्छा काम किया है। यही कारण है कि हम उन्हें सम्मानित कर रहे हैं। लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या वह मेरी पार्टी में शामिल होंगे। भाजपा चाहती है कि सभी अच्छे लोग पार्टी में शामिल हों।’’
फूलका ने इस महीने की शुरुआत में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। फूलका ने इसके लिए कोई कारण नहीं बताया। इन अटकलों के बीच कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं, फूलका ने चार जनवरी को गोयल से उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने के लिए उनसे मुलाकात की थी।
आम आदमी पार्टी से फूलका के इस्तीफे के बारे में गोयल ने कहा, ‘‘उन्होंने हाल ही में आप छोड़ी है। देर आयद दुरूस्त आयद ।’’
आप छोड़ने के लिए फूलका ने कोई कारण नहीं बताया था। उन्होंने पंजाब में गैर सरकारी संगठन चलाने की इच्छा जाहिर की थी। उनके बारे में माना जा रहा है कि वह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच किसी प्रकार के गठजोड़ के भी खिलाफ थे। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने की मांग के आप के रुख से भी फूलका नाराज थे।