लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कैराना में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान रालोद-सपा गठबंधन के मजबूत जनाधार वाले क्षेत्रों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में जानबूझकर गड़बड़ी कराये जाने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिये खतरा बताया और भविष्य में सभी चुनाव मतपत्रों के जरिए कराने की मांग दोहरायी। संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद अखिलेश ने कहा कि सिंह के कार्यक्षेत्र में कल हुए मतदान के दौरान ईवीएम और वीवीपैट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें आयी हैं। जहां पर सपा, रालोद और गठबंधन का वोट ज्यादा है, रणनीति के तहत वहीं की मशीनें खराब की गयीं।
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में लोग वोट नहीं डाल सके। ईवीएम पर आम लोगों का भी भरोसा टूटा है। अधिकारियों ने वोट खराब करने की कोशिश की। यह लोकतंत्र के लिये खतरनाक है। उन्होंने कहा कि सपा ने पहले भी कहा है और वह फिर मांग करती है कि भविष्य में सभी चुनाव मतपत्रो के जरिए हों। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। मैं अन्य राजनीतिक दलों से कहूंगा, पत्र भी लिखूंगा कि वे एकजुट होकर एक बार फिर ईवीएम के खिलाफ बात रखें। दुनिया के अनेक मुल्क हैं, जो भारत से हर मामले में आगे हैं, लेकिन वे ईवीएम के बजाय मतपत्र पर ही भरोसा करते हैं।
यह पूछने पर कि क्या ईवीएम के खिलाफ क्या कोई जन आंदोलन भी चलाया जाएगा, सपा अध्यक्ष ने कहा कि पहले सभी राजनीतिक दलों से बात करेंगे। पहले जब मैंने इस सिलसिले में बैठक बुलायी थी, तो उसमें कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी, लेकिन अब वह भी इसके पक्ष में हैं। मेरी कोशिश होगी कि सभी दलों से बातचीत करके फैसला लिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कैराना के नजदीक बागपत में गत 27 मई को दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेस-वे पर किये गये रोडशो को उपचुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करार दिया।
अखिलेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने चुनाव को प्रभावित करने के लिये कुछ किलोमीटर का रोडशो किया और अपने भाषण में कोटा के अंदर कोटा की बात कही। हम आज भी कहते हैं कि अगर आप पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण देना चाहते हैं तो पहले सबकी गिनती तो कीजिये, फिर सबको आबादी के हिसाब से हक और सम्मान दे दीजिये। मगर, चूंकि आपको चुनाव को प्रभावित करना था, केवल इसलिये आपने यह बात कही। अखिलेश ने कहा कि वह अगला लोकसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे, लेकिन कहां से लड़ेंगे, यह पार्टी तय करेगी।