गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने भले ही जीत हासिल कर ली हो, लेकिन फिर भी नतीजे भाजपा के लिए चिंताजनक हैं। जहां एक ओर बीजेपी ने गुजरात में जीत का बिगुल बजाया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अच्छी पारी खेली है। कांग्रेस भले ही गुजरात में जीत न पाई हो पर उसने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। ऐसे में वर्ष 2018 में 8 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए चिंता का विषय बन गए हैं।
अगले साल गुजरात के पड़ोसी राज्य राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले अजमेर और अलवर लोकसभा व मांडलगढ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं। इस उपचुनाव में दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। गुजरात चुनाव के बाद कांग्रेस का मनोबल बढ़ गया है और वह बड़ी तेजी से राजस्थान चुनाव की तैयारी में लग गई है। इस बात का पता इससे ही चल जाता है कि कांग्रेस ने उम्मीदवारों का चयन करने में भाजपा से बढ़त हासिल कर ली है।
यादव बहुल अलवर क्षेत्र में कांग्रेस ने पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव को खड़ा कर प्रचार भी शुरू कर दिया। जबकि, भाजपा अभी तक कांग्रेस उम्मीदवार की टक्कर के प्रत्याशी को तलाश रही है। महंत चांदनाथ के निधन के बाद अलवर क्षेत्र की सीट खाली हो गई है। भाजपा इस सीट पर किसी बाबा को ही करण सिंह यादव के सामने खड़ा करेगी। इसके लिए चांदनाथ के उत्तराधिकारी बाबा बालकनाथ का नाम भाजपा की सूची में सबसे ऊपर रखा जा रहा है।
देश भर में अलवर जिला गो तस्करी और कथित तौर पर गोरक्षकों के बवाल के लिए जाना जाता है। अलवर जिले के ही रामगढ़ के भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा गो तस्करी के मामले में अपने विवादित बयानों के कारण अकसर सुर्खियां बटोरते हैं। आहूजा ने उपचुनाव से पहले गो तस्करों और कथित गोरक्षकों के बीच होने वाली मारपीट को सही करार देते हुए एक बार फिर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उनका कहना है कि जो भी गो तस्करी करेगा, ऐसे ही मरेगा।
भाजपा के लिए अजमेर सीट भी मुश्किल बन गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट इस सीट पर सांसद रहे हैं। वे खुद इस चुनाव में नहीं उतर रहे पर पार्टी की तरफ से प्रचार कर रहे हैं। इधर आम आदमी पार्टी की ओर से कुमार विश्वास भी मैदान में उतर सकते हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अजमेर और अलवर लोकसभा क्षेत्रों में सभी जातियों को अपने पक्ष में करने जिम्मा उठा लिया है। इसके लिए उन्होंने अभियान चलाया है। राजे ने इन इलाकों का दौरा कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी का कहना है कि पार्टी उपचुनावों में जीत हासिल करेगी।