नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत की चुनाव प्रक्रिया को सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रभावित नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए डेटा सुरक्षा और व्यक्तिगत निजता कानून के जरिए सख्त कदम उठाए गए हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी एक बयान के अनुसार, अर्जेटीना के साल्टा में 23-24 अगस्त को आयोजित जी-20 डिजिटल इकॉनोमी के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया द्वारा डेटा का दुरुपयोग करने की रिपोर्ट को भारत ने गंभीरता से लिया है और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
मंत्री का यह बयान केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ कथित तौर पर फेसबुक पर भारत के लोगों के निजी डेटा का उपयोग करने को लेकर शुरू की गई प्रारंभिक जांच के बाद आया है। ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म पर अमेरिका में 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भी कथिततौर पर हस्तक्षेप करने का आरोप है।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रसाद ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने सोशल मीडिया मंच के डेटा का दुरुपयोग करने की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है और ऐसे मंचों को हमारी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की अनुमति कभी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए भारत इस प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने वालों को रोकने और उन्हें दंडित करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा। प्रसाद ने जी-20 की बैठक में यह भी प्रस्ताव दिया कि डिजिटल मंचों को अपने राजस्व का एक हिस्सा मेजबान के बाजार में दोबारा निवेश करना चाहिए।
मंत्रालय के अनुसार, भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में 1.21 अरब मोबाइल फोन हैं, जिनमें 45 करोड़ स्मार्टफोन हैं। इसके अलावा इंटरनेट के करीब 50 करोड़ ग्राहक हैं।