नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता लागू रहने तक चुनावी राज्य बिहार से आने जाने वाली विशेष ट्रेनें चलाकर उसे विशेष रियायत देने को लेकर रेल मंत्रालय को आगाह किया है। विपक्षी नेताओं द्वारा की गई शिकायतों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आयोग ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से यह सुनिश्चित करने को कहा कि आयोग की पूर्व अनुमति के बिना बिहार में किसी स्टेशन से रवाना होने वाली या किसी स्टेशन तक जाने वाली विशेष ट्रेन के लिए ‘‘कोई विशेष रियायत नहीं दी जाए।’’
विपक्षी नेताओं ने शिकायत की थी कि BJP बिहार में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग कर रही है। आयोग ने कहा है कि 9 सितंबर से 12 नवंबर के बीच आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान अनुमति ली जानी चाहिए।
आयोग ने सवाल किया कि विशेष ट्रेनों के संबंध में विशेष अनुमति क्यों नहीं ली गई जबकि 9 सितंबर को दोपहर ढाई बजे आचार संहिता लागू हो गई थी। आयोग ने उस समय बिहार चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी।
महागठबंधन ने आरोप लगाया कि विकास एक्सप्रेस नामक ट्रेन का उपयोग भाजपा शासित कई राज्यों में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के मकसद से किया गया जो बिहार में लागू आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है।
तीनों राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने एआईसीसी मुख्यालय में एक विशेष संयुक्त ब्रीफिंग में आरोप लगाया कि रेलवे ने इन विशेष ट्रेनों के यात्रियों को 60 प्रतिशत की रियायत दी जिससे राष्ट्रीय खजाने का नुकसान हुआ।
महागठबंधन ने की थी शिकायत
कांग्रेस-RJD-JDU गठबंधन ने सोमवार को चुनाव आयोग से की गई शिकायत में आरोप लगाया कि BJP कार्यकर्ताओं को लाने के लिए रेलवे मंत्रालय के जरिए विशेष ट्रेनें चलाकर केंद्र ने सरकारी मशीनरी का ‘‘अवैध उपयोग’’ किया और इससे BJP कार्यकर्ताओं को अनुचित लाभ प्रदान करने से सरकारी खजाने का दुरुपयोग हुआ।