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मीनाक्षी लेखी ने कहा, प्लास्टिक की बोतल और गिलास छोड़कर चुल्लू से पिएं पानी

भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के लिए हाथ से चुल्लू बनाकर पानी पीने का सुझाव दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : September 06, 2019 14:57 IST
Drink water from cupped hands, says BJP MP Meenakshi Lekhi | Facebook
Drink water from cupped hands, says BJP MP Meenakshi Lekhi | Facebook

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के लिए हाथ से चुल्लू बनाकर पानी पीने का सुझाव दिया है। इस साथ ही लेखी ने कहा कि दांतों को साफ करने के लिए ‘दातुन’ या नीम की टहनी का इस्तेमाल करने की पुरानी भारतीय आदतों की तरफ लौटना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले हम जब सब्जी वगैरह खरीदते थे तो इसके लिए हमारे पास बेंत की टोकरी होती थी, किसी तरह का प्लास्टिक नहीं। लेखी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने ऐसी चीजों को अपनाकर काफी ऊर्जा और संसाधन बर्बाद किए हैं जो हमारी नहीं हैं।

‘गिलासों और बोतलों की जरूरत क्यों है’

उन्होंने एक बार में इस्तेमाल योग्य प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा के लिए देश की तैयारी के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमें गिलासों और बोतलों की जरूरत क्यों है? हम जब स्कूल में थे तो अपने हाथों से पानी पीते थे जो मुझे लगता है कि सबसे ज्यादा स्वच्छ तरीका है क्योंकि इस प्रक्रिया में आप अपने हाथ धोते हो और गिलास को साफ करने में पानी बर्बाद भी नहीं होता। जब सब्जी बेचने वाला आता था तो हम बेंत की टोकरी का इस्तेमाल करते थे। कोई प्लास्टिक नहीं। हमने दातुन इस्तेमाल करने की आदत भी छोड़ दी। अब ये सभी प्लास्टिक के टूथब्रश कूड़ेदान में जाते हैं और फिर उसके बाद गार्बेज लैंडफिल में।’

सैनिटरी नैपकिन पर भी बोलीं
लेखी ने पर्यावरण के अनुकूल बैग और सैनिटरी पैड्स बनाने के लिए पुराने कपड़े फिर से इस्तेमाल करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जब सैनिटरी नैपकिन्स पर 18 फीसदी GST लगाया गया तो महिलाओं ने खूब मुखालफत की, बिना यह सोचे कि ‘हम पॉलीमर के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं। मेरी दादी, आपकी परदादी-परनानी हर कोई कपड़ा इस्तेमाल करती थीं जिसे एक बार इस्तेमाल के बाद नष्ट किया जा सकता है। इस पर और चर्चा से सैनिटरी पैड्स के रूप में प्लास्टिक, पॉलीमर का इस्तेमाल कम करने में मदद मिलेगी। इन पॉलीमर का प्रभाव काफी बढ़ गया है और कोई इस बारे में बात नहीं करता क्योंकि यह संवदेनशील मुद्दा बन गया है। मैं कहती थी कि 18 फीसदी कर के बजाय 28 फीसदी कर होना चाहिए।’

प्लास्टिक के कुछ प्रॉडक्ट्स हो सकते हैं बैन
साल 2022 तक एक बार में उपयोग होने वाले प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने का अभियान चला रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर कुछ सामान पर प्रतिबंध की घोषणा कर सकते हैं। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में लोगों से प्लास्टिक के थैलों के इस्तेमाल से बचने और तकनीशियनों तथा उद्यमियों से प्लास्टिक के पुन: इस्तेमाल के नवीन तरीकों को खोजने का अनुरोध किया था।

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