Monday, December 23, 2024
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नये कृषि कानूनों पर शरद पवार का बड़ा बयान, केंद्र न ले किसानों की सहिष्णुता का इम्तिहान

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 16वें दिन भी जारी है, वहीं सरकार भी पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रही है। इस बीच विपक्ष भी मोदी सरकार पर हमला बोलने के साथ ही नसीहत दे रही है। इसी सिलसिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने सरकार से कृषकों की सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लेने का आह्वान किया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 11, 2020 17:37 IST
Don't test tolerance of farmers: NCP chief Sharad Pawar tells Centre
Image Source : PTI कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 16वें दिन भी जारी है, वहीं सरकार भी पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रही है।

मुम्बई: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 16वें दिन भी जारी है, वहीं सरकार भी पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रही है। इस बीच विपक्ष भी मोदी सरकार पर हमला बोलने के साथ ही नसीहत दे रही है। इसी सिलसिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने सरकार से कृषकों की सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लेने का आह्वान किया। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर समय से निर्णय नहीं लिया तो दिल्ली की सीमाओं पर चला रहा प्रदर्शन अन्यत्र भी फैल सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा विस्तृत चर्चा की मांग किये जाने के बावजूद संबंधित कृषि विधेयक संसद में हड़बड़ी में पारित किये गये थे। 

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विभिन्न राज्यों के किसान इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर करीब दो सप्ताह से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बार्डरों पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों का कहना है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का सुरक्षा जाल खत्म कर देंगे और उनकी आमदनी पक्की करने वाली मंडियां भी हट जाएंगी लेकिन सरकार के अनुसार एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी तथा नये कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और विकल्प उपलब्ध करायेंगे। 

पवार ने कहा, ‘‘आज किसानों ने कानूनों को वापस लेने की कड़ी मांग की है और कहा है कि इस मुद्दे पर बाद में चर्चा की जा सकती है। लेकिन इस पर केंद्र का रूख अनुकूल नहीं जान पड़ता है। इसलिए ऐसे संकेत हैं कि गतिरोध कुछ और दिन चल सकता है।’’ वरिष्ठ नेता ने कहा कि करीब 700 टैक्टरों से और लोग शुक्रवार सुबह प्रदर्शन से जुड़ने के लिए दिल्ली बार्डर पर पहुंचे। 

उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रदर्शन दिल्ली के बार्डर तक सीमित है लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि यदि समय पर निर्णय नहीं लिया गया तो यह अन्यत्र भी फैल सकता है।’’ एनसीपी नेता ने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि किसान देश का अन्नदाता है और उसकी सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लिया जाना चाहिए।’’ 

उन्होंने केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे द्वारा किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान के हाथ होने के बयान पर कहा, ‘‘कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें यह समझ नहीं होती है कि कहां और कैसे क्या बोलना है। उन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिये थे।’’

बता दें कि किसान आंदोलन का आज सोलहवां दिन है और दिल्ली के बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। सरकार की सारी कोशिशें अब तक विफल साबित हुई हैं। आज इस मुद्दे पर मीडिया से मुखातिब हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर किसानों से धरना खत्म करने की अपील की। साथ उन्होंने एक नया सवाल भी खड़ा किया। टिकरी बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल पर देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम के पोस्टर लगे थे और उनकी रिहाई के नारे लगे थे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूछा कि इसका किसानों के आदोलन से क्या लेना-देना। उन्होंने कहा कि ये खतरनाक है और किसान संगठनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए।

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