नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को सदस्यों से आग्रह किया कि आसन को 'महामहिम' कह कर संबोधित नहीं करें और इसके जगह 'माननीय सभापति' या 'उप राष्ट्रपति' का इस्तेमाल करें। नायडू ने यह सुझाव शून्यकाल के दौरान दिया, जब जनता दल (युनाइटेड) के सदस्य हरवंश सदन के पटल पर दस्तावेज रख रहे थे।
नायडुू ने कहा, "मैं सभी सदस्यों से कहना चाहता हूं। मैंने देखा है कि चूंकि राज्यसभा में आसन की दोहरी जिम्मेदारी सभापति की और देश के उपराष्ट्रपति की होती है, ऐसे में मुझे अकसर अजीब महसूस होता है कि जब सदस्य व अन्य उप राष्ट्रपति को 'महामहिम' कहकर संबोधित करते हैं।"
नायडू ने कहा, "मैं सभी सदस्यों से आग्रह करता हूं व सुझाव देता हूं कि उन्हें आसन को 'माननीय सभापति' या 'उप राष्ट्रपति' के रूप में संबोधित करना चाहिए।" उन्होंने कहा, "भविष्य में इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल की जरूरत नहीं है।"
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र में नायडू ने सदस्यों से सदन में दस्तावेज प्रस्तुत करते समय 'मैं प्रार्थना करता हूं' (आई बेग टू..) का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया था। आम तौर पर मंत्री कहते हैं, "मैं अपने नाम के तहत सूचीबद्ध दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखने के लिए प्रार्थना करता हूं।"
नायडू ने सदन में मंत्रियों व दूसरे सदस्यों से इस औपनिवेशिक शब्दावली से दूर रहने के लिए कहा। नायडू ने कहा था, "सिर्फ यह कहें कि मैं सदन के पटल पर दस्तावेज रखता हूं।"