चेन्नई: DMK ने शुक्रवार को लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान ना करने के लिए अपने धुर विरोधी AIADMK पर निशाना साधा। डीएमके ने एआईएडीएमके को ‘रीढ़विहीन’ करार देते हुए आरोप लगाया कि उसने कई मतभेद होने के बावजूद ‘एक दूसरे को लाभ पहुंचाने’ की नीति के तहत भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का समर्थन किया। DMK के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल का अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करने से पता चलता है कि उसके और भाजपा के बीच ‘अंदर ही अंदर एक गठबंधन’ है।
DMK के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने AIADMK से संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की थी। गौरतलब है कि DMK का लोकसभा में कोई सांसद नहीं है वहीं AIADMK के सदन में 37 सांसद हैं। संसद में वह सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। स्टालिन ने शुक्रवार की रात ट्वीट करते हुए कहा, ‘नीट, 15वें वित्त आयोग, जीएसटी, हिंदी थोपने और सांप्रदायिक राजनीति के बावजूद अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी सरकार का समर्थन AIADMK और भाजपा के बीच साठगांठ का सबूत है।’
स्टालिन ने AIADMK पर करारा हमला बोलते हुए कहा, ‘भाजपा सरकार लोकतंत्र, सामाजिक न्याय एवं क्षेत्रीय स्वायत्ता के मुद्दे के खिलाफ काम कर रही है और मुख्यमंत्री (के पलानीस्वामी) तथा अन्नाद्रमुक के सांसद रीढ़विहीन थे कि उन्होंने उनका विरोध नहीं किया।’ आपको बता दें कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव 126 के मुकाबले 325 मतों से गिर गया था। AIADMK के सांसदों ने सरकार के पक्ष में मतदान किया था।