भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस में चल रही राजनीतिक उठा पटक ने अब एक और नया मोड़ ले लिया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर दिए गए अपने बयान के बाद चर्चा में आए वन मंत्री उमंग सिंगार पर शुक्रवार को दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस मामले को कमलनाथ और सोनिया गांधी देखें। उमंग सिंगार पर उन्होनें कहा कि हर पार्टी में अनुशासन होना चाहिए और जो अनुशासन तोड़े उसपर करवाई होना चहिए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरी राजनीतिक लड़ाई भारतीय जनता पार्टी और उनकी विचारधारा से है, ये वो विचारधारा है जिसने महात्मा की हत्या की, लोगों के बीच मनमुटाव पैदा किया में इसके खिलाफ हूं।
दिग्विजय सिंह ने सिंगर पर कहा कि जो खबरें आ रही हैं उसे पूरी तरह से कमलनाथ जी और सोनिया जी को इसको देखना है। उन्होनें कहा कि सबसे अपील है कि वह अनुशासन का पालन करें और भाजपा को अवसर ना दे और जो अनुशासन तोड़े उसपर करवाई होना चाहिए। उन्होनें कहा कि ये सब उस समय चालू हुआ जब मैंने पाकिस्तान के लिए जासूसी के मामले में गिरफ्तार बलराम और धुर्व सक्सेना को लेकर बयान दिया। मध्य प्रदेश की उस समय की सरकार ने इस दोनों के खिलाफ कोई ठोस करवाई नही की, इसको लेकर दिए बयान से ही ये घटनाक्रम चालू हुआ है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे राजनीति में 50 साल हो गए है, मैं हमलों से विचलित नहीं होता हूं। उन्होनें सिंघार की कड़वी चाय पिलाने के जवाब में कहा कि मुझे डायबिटीज नही हैं, मैं कड़वी चाय नहीं पिता। दरअसल, उमंग सिंघार ने जिस दिन दिग्विजय पर ब्लैकमेलर, ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाने और रेत खनन जैसे गंभीर आरोप लगाए थे, उस दिन उन्होंने कहा था कि दिग्विजय सिंह मिलने आएंगे तो वह उन्हें कड़वी चाय पिलाएंगे।
पोस्टर लगाने का अधिकार सबको है, इसमें कोई विवाद नही होना चाहिए। मध्यप्रदेश के हजारों लाखों कार्यकर्ताओं ने मिलकर सरकार बनाई है। मैं इन्ही कार्यकर्ताओं के लिए ही पत्र लिखा है। सिंगार को माफ करने के सवाल पर उन्होनें कहा कि सब कांग्रेस पार्टी के लोग हैं, कमलनाथ और सोनिया जी ही इस बारें में फैसला लेगी। मुझे जो भी मुझे कहना है पार्टी फोरम पर कहूंगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के सरकार बनाने के सवाल पर उन्होनें कहा कि वह विपक्ष में रहकर परेशान हैं, इसलिए कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं। उन्होनें कहा कि चिदंबरम को झूठा फंसाया गया है, एक भी मामले में उनके खिलाफ साक्ष्य नही है। उन्होनें कहा कि रतुल पूरी मामले में उन्हें जानकारी नही है, लेकिन ये पूरी सरकार दुश्मनी पालती है, ये सत्ता में है इसलिए गुजरात मॉडल पेश कर रहे हैं। मेरे खिलाफ 15 साल तक फंसाने की कोशिश हुई, लेकिन मेरे खिलाफ कुछ नहीं है इसलिए में क्यों डरू। अगर आरोपों में दम होता तो क्या में खुल कर भाजपा की मुखलपत कर पाता।