नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह ने मंगलवार को यह कहकर एक विवाद को जन्म दे दिया कि भगवा वस्त्र पहनकर ‘‘बलात्कार’’ हो रहे हैं, तथा ‘‘हमारे सनातन धर्म को जिन लोगों ने बदनाम किया है, उन्हें ईश्वर भी माफ नहीं करेगा।’’ हालांकि कुछ ही घंटे बाद उन्होंने अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा कि साधु-संत हमारे ‘‘सनातन मत के प्रतीक’’ है तथा वह स्वयं सनातन धर्म का पालन करते हैं।
दिग्विजय सिंह ने यहां संत समागम को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘भगवा वस्त्र पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं। भगवा वस्त्र पहनकर बलात्कार हो रहे हैं। मंदिरों में बलात्कार हो रहे हैं, क्या यही हमारा धर्म है? हमारे सनातन धर्म को जिन लोगों ने बदनाम किया है, उन्हें ईश्वर भी माफ नहीं करेगा।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्यों को माफ नहीं किया जा सकता। सिंह के इस बयान में किसी का नाम नहीं लिया गया है। किंतु उनके इस बयान से कुछ दिन पहले पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री एवं भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर कानून की एक छात्रा ने बलात्कार के आरोप लगाये थे। छात्रा ने इस मामले में सोमवार को अदालत में अपने बयान दर्ज कराए।
कांग्रेस नेता के बयान पर विवाद छिड़ने के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘हिंदू संत हमारी सनातन आस्था का प्रतीक हैं। इसीलिए उनसे उच्चतम आचरण की अपेक्षा है। यदि संत वेश में कोई भी ग़लत आचरण करता है, तो उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठनी ही चाहिए। सनातन धर्म, जिसका मैं स्वयं पालन करता हूँ, उसकी रक्षा की ज़िम्मेदारी भी हमारी ही है।’’