भोपाल. वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि मध्यप्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव में मतदाताओं को पैसा लेकर जनमत पर कुठाराघात करने वाले उन 22 नेताओं को सबक सिखाना चाहिए, जो विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गये हैं।
दिग्विजय ने यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाददाता सम्मेलन के दौरान आगामी उपचुनाव पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में कांग्रेस के इन 22 विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा, ''मतदाताओं को उनके खिलाफ आगामी उपचुनाव में मतदान करना चाहिए जिन्होंने पैसा लेकर गद्दारी की है। जिन्होंने जनमत को कुठाराघात किया है उनको सबक सिखाने के लिए हराना चाहिए।''
उन्होंने कहा कि मार्च में जब ये 22 विधायक बागी हुए थे और बेंगलुरू एवं अन्य स्थानों में रह रहे थे, तब इनमें से 10-12 उनके संपर्क में थे लेकिन इनकी मांग इतनी बड़ी हो गई थी कि पार्टी इनकी मांग पूरी करने में सक्षम नहीं थी और न ही पार्टी उनकी मांग पूरी करना चाहती थी। दिग्विजय ने उनपर भाजपा का दामन थामने के लिए 35-35 करोड़ रूपये लेने का आरोप लगाते हुए कहा, ''जनमत पर भारी पड़ा 35 करोड़ रूपये।''
मालूम हो कि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण कमलनाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने तब 20 मार्च को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इस साल 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनी है।
सिंधिया पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा, ''गुना सीट से लोकसभा चुनाव हारने के बाद सिंधिया ने दुश्मन के साथ दोस्ती की। जिसने हराया, उसके साथ उन्होंने दोस्ती की। पार्टी छोड़कर जो काम किया है, जनता आपको :सिंधिया को: माफ नहीं करेगी।'' दिग्विजय ने कहा, ''हमने आपको श्रीमंत एवं महाराज की पदवी दी। अब भाजपा ने आपको विभीषण की पदवी दे दी है।''
उन्होंने कहा, ''यहां :भाजपा में: कोई राजनेता नहीं होता है। जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कह देता है, वही होता है। आपको :सिंधिया को: संघ के रहते भाजपा में कोई सम्मान नहीं मिलेगा।'' दिग्विजय ने कहा, ''मुझे उम्मीद नहीं थी कि सिंधिया जी पार्टी छोड़कर चले जाएंगे।'' उन्होंने कहा कि यदि सिंधिया को लग रहा था कि उनकी पार्टी में अनदेखी हो रही थी तो वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
इसके अलावा, राहुल गांधी के भी वह करीबी थे, उनसे सामने अपनी समस्या रखते। दिग्विजय ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तो सिंधिया के घर पर जाकर बैठक किया करती थीं। किसी गांधी परिवार के नेता ने सिंधिया को छोड़कर किसी के घर में बैठक नहीं की है। मध्यप्रदेश कांग्रेस में समन्वय की कमी पर उन्होंने कहा, ''कांग्रेस में समन्वय की कमी नहीं है। हम सब एक हैं। मिलकर उपचुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।''
दिग्विजय ने कहा, ''24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए हमने प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया चालू कर दी है।'' उन्होंने दल बदलू कानून में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि इस बात की बंदिश होनी चाहिए कि दल बदलने वाला विधायक या सांसद छह साल तक कोई चुनाव न लड़ सके और न ही कोई पद ले सके।
देश की विदेश नीति पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में दिग्विजय ने कहा, ''पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, चीन, वर्मा एवं श्रीलंका के साथ आज हमारे कैसे रिश्ते हैं, आकलन कीजिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई देशों की विदेश यात्राएं की है, लेकिन पड़ोसी देशों के साथ हमारे रिश्तों में गिरावट आई है।''
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ''पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध कायम करने के लिए काम करना चाहिए।'' दिग्विजय ने बताया कि चीन भी हमारे देश के तीन स्थानों पर प्रवेश कर चुका है। यह अपने आप में बहुत बड़ा विषय है। सरकार को विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर इसका हल जल्द निकालना चाहिए।
देश में फैले कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ''मोदीजी ने एक दिन में पूरे देश में लॉकडाउन चार घंटे में कर दिया। यह उचित नहीं था। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर निर्णय लेते तो बेहतर होता। राज्य सरकारों को विश्वास में नहीं लेने से मजदूरों एवं लोगों को लॉकडाउन में दिक्कत हुई।''
उन्होंने कहा, ''हवाई जहाज से कोरोना वायरस देश में आया। केन्द्र सरकार को जो नियंत्रण रखना चाहिए था, वह नहीं रखा। इसलिए कोरोना वायरस हमारे यहां फैला। यदि विदेशों से आने वालों को पृथक-वास में रख देते तो यहां कोरोना वायरस नहीं फैलता।''