Sunday, February 16, 2025
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जवाहरलाल नेहरू के पैरों की धूल भी नहीं हैं शिवराज, उन्हें शर्म आनी चाहिए: दिग्विजय

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ‘‘अपराधी’’ कहने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि चौहान जवाहरलाल नेहरू के पैर की धूल भी नहीं हैं। ऐसे बयान देते समय उन्हें (चौहान) शर्म आनी चाहिए।

Reported by: Bhasha
Published : August 11, 2019 19:52 IST
Digvijay
Image Source : PTI (FILE) जवाहरलाल नेहरू के पैरों की धूल भी नहीं हैं शिवराज, उन्हें शर्म आनी चाहिए: दिग्विजय

भोपाल/सीहोर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ‘‘अपराधी’’ कहने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि चौहान जवाहरलाल नेहरू के पैर की धूल भी नहीं हैं। ऐसे बयान देते समय उन्हें (चौहान) शर्म आनी चाहिए।

चौहान द्वारा नेहरू को ‘‘अपराधी’’ कहे जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए दिग्विजय ने सीहोर में संवाददाताओं को बताया, ‘‘नेहरू के पैरों की धूल भी नहीं हैं शिवराज। शर्म आनी चाहिए उनको।’’

वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें आधुनिक भारत का निर्माता, कहा जाता है, जिन्होंने आज़ादी के लिए संघर्ष किया, जिनके किए गए कार्य व देशहित में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनको मृत्यु के 55 वर्ष पश्चात आज अपराधी कह कर संबोधित करना बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है।’’

बता दें कि कश्मीर का हवाला देते हुए चौहान ने जवाहरलाल नेहरू को ‘‘अपराधी’’ बताया। ओडिशा में शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज ने इसकी दो वजहें बताईं। चौहान ने बताया, “जब भारतीय फौज कश्मीर से पाकिस्तानी कबायलियों को खदेड़ते हुए आगे बढ़ रही थी, ठीक उसी वक्त नेहरू ने संघर्ष विराम का ऐलान कर दिया। इस वजह से कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में रह गया। यदि कुछ दिन और संघर्षविराम की घोषणा नहीं होती, तो पूरा कश्मीर भारत का होता।” इसके आगे उन्होंने कहा, “जवाहर लाल नेहरू का दूसरा अपराध अनुच्छेद 370 था। भला एक देश में कैसे दो निशान, दो विधान (संविधान) और दो प्रधान अस्तित्व में हो सकते हैं? यह केवल देश के साथ अन्याय नहीं बल्कि अपराध भी है।” शिवराज के इसी बयान पर दिग्विजय ने पलटवार किया।

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