नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी अपने पिता की हस्तलिखित डायरियों पर आधारित एक किताब प्रकाशित करवाने पर विचार कर रही हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा ने कहा कि वह कलिंग लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान रशीद किदवई के साथ एक सत्र में इसकी घोषणा करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि हालांकि वह अपने पिता की जीवनी लिखना चाहेंगी, लेकिन उन्हें नैतिक दुविधा का सामना करना पड़ेगा कि क्या शामिल किया जाए और किस बात का उल्लेख न किया जाए।
शर्मिष्ठा शास्त्रीय नृत्यांगना भी हैं। उन्होंने कई विषयों पर बात की और बताया कि उनके पिता उनके लिए 8,000 किताबें और उन पाइपों का संग्रह छोड़ गए हैं, जिससे धूम्रपान करते थे।
मुखर्जी के संस्मरणों के चौथे और समापन खंड 'द प्रेसिडेंशियल इयर्स' के बारे में बात करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा, "यह पूरी तरह से मेरे पिता की किताब है। मैं इसमें उल्लिखित हर चीज से सहमत हो सकती हूं या नहीं, यह नहीं बता सकती। मुझे बहुत दुख है कि वह अपने काम के बारे में बात करने के लिए यहां नहीं हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने नियमित रूप से डायरी लिखी। डायरी लिखना उसके लिए एक दैनिक अनुष्ठान था। अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद वह अपनी मॉर्निग वॉक, पूजा और डायरी लिखने से कभी नहीं चूके।
मुखर्जी की एक बायोग्राफी के बारे में बात करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा, "मेरे पास उनका लिखा हुआ जो कुछ है, उसे पब्लिश करूंगी।"