मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र देने वाले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने त्यागपत्र देने के बाद कहा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने का निर्देश दिया है। देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार दिन में राज्यपाल को अपना त्यागपत्र दे दिया है। देवेंद्र फडणवीस से पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने भी उप मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दिया है। दोनो नेताओं ने शनिवार सुबह ही पद और गोपनीयता की शपथ ली थी, लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत नहीं होने की वजह से शपथ लेने के 79 घंटे बाद ही दोनो को त्यागपत्र देना पड़ गया।
उधर नई सरकार बनाने के लिए कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के नेताओं की बैठक शुरू हो गई है, तीनों दलों की बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा जो बाद में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकता है। तीनो दल जल्द ही गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के सामने पेश होकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।
शनिवार को देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद रविवार को कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ अपील दाखिल की थी। अपील पर सोमवार को सुनवाई के बाद आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार बनाने वाले दल को बुधवार को सदन में फ्लोर टेस्ट में पास होना पड़ेगा और फ्लोर टेस्ट में होने वाला मतदान सार्वजनिक किए जाने का निर्देश भी दिया गया था।
अजित पवार ने जब देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर शपथ ली थी तो दावा किया था कि उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों का समर्थन प्राप्त है, उन्होंने विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र भी गवर्नर के सामने पेश किया था। लेकिन उनके चाचा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा कि अजित पवार ने उनकी सहमति से यह कदम नहीं उठाया है और सभी एनसीपी विधायकों से अपील की थी कि वे वापस उनके साथ लौट जाएं। पार्टी के ज्यादातर विधायक जब शरद पवार के खेमे में वापस लौटे तो मजबूर होकर अजित पवार को उप मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र देना पड़ा और उनके त्यागपत्र के बाद देवेंद्र फडणवीस को भी मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ गया।