नई दिल्ली: एक तीस सेकेंड के वीडियो ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल मुआवजे की रकम मांगने पर शोकसभा से उठकर चले गए। पीछे से मरने वाले के पिता ने गुहार लगाई लेकिन केजरीवाल अनसुना करके सभा छोड़कर चलते बने। दरअसल कल दिल्ली के ख्याला में अंकित सक्सेना के लिए शोकसभा आयोजित की गई थी। केजरीवाल अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे थे लेकिन जब अंकित के परिवारवाले मुआवजे की रकम पर उनसे बात करने की कोशिश की तो केजरीवाल चलते बने। इस असंवेदनशीलता को लेकर केजरीवाल विरोधियों के निशाने पर हैं।
ये वीडियो उस वक्त की हैं जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अंकित सक्सेना के घर शोकसभा में पहुंचे थे। अंकित सक्सेना के परिजनों का दर्द दूर करने के लिए केजरीवाल पूरे दल-बल के साथ पहुंचे थे। हाथ में माइक थी तो भावनाओं के दो शब्द कह डाले। वीडियो में केजरीवाल ये कहते दिख रहे हैं कि वो नहीं चाहते कि राशि को लेकर कोई विवाद हो लेकिन इस वीडियो के दूसरे ही हिस्से में केजरीवाल की असंवेदनशीलता साफ दिखने लगी। केजरीवाल से जब अंकित के परिजनों मुआवजे की मांग की तो जनाब ने भागने में ही भलाई समझी।
सोमवार को दिल्ली के ख्याला में अंकित की तेरहवीं पर शोक सभा आयोजित की गई थी। इस शोक सभा में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत कई अन्य पार्टियों के नेता भी पहुंचे थे। इसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने अंकित सक्सेना के परिवारवालों के लिए तय की गई मुआवजे की राशि पर सवाल उठाया और विरोध करना शुरू किया तो केजरीवाल उठकर चलते बने। दिल्ली सरकार ने अंकित के परिवारवालों को पांच लाख रूपए देने का ऐलान किया था।
अंकित के पिता पीछे से उन्हें पुकारते रहे। अंत में उन्हें कहना पड़ा कि मेरे साथ गेम मत खेलो जो करना है करो। ये पहली बार नहीं है जब दिल्ली सरकार की तरफ से मुआवजे की रकम किसी की मौत पर दी गई हो। इससे पहले केजरीवाल ने एमएम खान और तंजील अहमद की मौत पर भी सहायता राशि दी थी। कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि एमएम खान और तंजील अहमद को एक करोड़ देने वाली दिल्ली सरकार अंकित को सिर्फ पांच लाख क्यों दे रही है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी केजरीवाल के रवैये पर सवाल उठाया। मनोज तिवारी ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार एमएम खान की मौत पर एक करोड़ रुपए दे सकती है तो अंकित सक्सेना के परिवार वालों को क्यों नहीं। दिल्ली सरकार साम्प्रदायिक भेदभाव कर रही है। दिल्ली सरकार आगे क्या फैसला लेती है ये वक्त बताएगा लेकिन अंकित की शोकसभा से मुआवजे के सवाल पर यूं उठकर चले जाना अरविंद केजरीवाल को जरूर सवालों के घेरे में रख रहा है।